आज देश में नोटबंदी को पूरे चार साल हो गए हैं। नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (नवंबर 8, 2020) को कहा कि इससे काले धन को कम करने में मदद मिली है, कर जमा करने में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 की आधी रात से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी, जो उस समय चलन में थे। बाद में सरकार ने पाँच सौ और दो हजार के नए नोट जारी किए थे।
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मोदी ने आज ट्विटर पर विमुद्रीकरण के अपनी सरकार के फैसले के लाभों को गिनाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, कर अनुपालन बढ़ाने में तथा पारदर्शिता सुदृढ़ करने में मदद की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये परिणाम देश की प्रगति के लिए बहुत लाभकारी रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफिक भी साझा किया है, जिसमें दर्शाया गया है कि किस तरह से विमुद्रीकरण से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर तथा जीडीपी अनुपात बढ़ा, भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली l
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी से हुए फायदों के आँकड़ों की भी जानकारी दी। जिसके मुताबिक, नोटबंदी के कारण दस लाख से अधिक कैश जमा करने वाले वे तीन लाख लोग चिन्हित हुए जो आइटी रिटर्न नहीं फाइल करते थे।
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डिजिटल ट्रांजेक्शन को मिला बढ़ावा- भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि साल 2016 में पीएम मोदी के नेतृत्व में की गई नोटबंदी के बाद से डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिला है। अक्टूबर 2020 के दौरान देश में 207.16 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए। NPCI के अनुसार अब तक 3.86 लाख करोड़ रुपए के UPI ट्रांजेक्शन हो चुके हैं।
बीजेपी ने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा, “नोटबंदी रियल एस्टेट के लिए वरदान साबित हुई। रियल एस्टेट क्षेत्र कालेधन के ट्रांजेक्शन के लिए बेहद ही आसान जरिया बना था। नोटबंदी के वाद रियल एस्टेट सेक्टर अब अधिक पारदर्शी, संगठित, भरोसेमंद और खरीदारों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है।”
इसके साथ ही बीजेपी ने बताया कि नोटबंदी ने आतंकवाद और नक्सलवाद पर गहरी चोट की। नोटबंदी से आतंकियों और नक्सलियों के बौसले पस्त हुए। नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएँ लगभग समाप्त हो गई है और वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में भी भारी कमी आई है।
नोटबंदी लाने की मोदी सरकार ने कई वजहें बताईं। इसमें कालेधन का खात्मा करना, सर्कुलेशन में मौजूद नकली नोटों को खत्म करना, आतंकवाद और नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने समेत कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने जैसे कई वजहें गिनाई गई थीं। सरकार का तर्क है कि नोटबंदी के बाद टैक्स कलेक्शन बढ़ा और कालेधन में इस्तेमाल होने वाला पैसा सिस्टम में आ चुका है। हालाँकि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने नोटबंदी के कदम की आलोचना करते हुए रविवार को सरकार पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस कदम ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।
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