बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. लेकिन दरभंगा के एक सरकारी स्कूल से चौंकाने वाला सच सामने आया है. जहां बच्चों के भविष्य का निर्माण होना है वहां शराबियों का अड्डा लगता है और जांच के दौरान नशेडियों को यहां सरेआम देखा गया. पकड़े जाने के बाद दो नशेड़ी फरार हो गये. लेकिन इन लोगों को स्कूल में संरक्षण देने के आरोप में हेडमास्टर पर गाज गिरी है और उन्हें सस्पेंड किया गया है. मामला मकरंदा के प्राथमिक विद्यालय का है.
हेडमास्टर की करतूत आयी सामने
दरअसल, भंडारिसम पंचायत में वरीय उपसमाहर्ता पुष्पिता झा मकरंदा स्थित प्राथमिक विद्यालय का जायजा लेने पहुंची थीं. उन्हें पता चला कि ये स्कूल नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है. जिसके बाद वो सच जानने बढ़ीं. इस दौरान शिक्षक कक्षा ले रहे थे. पदाधिकारी ने प्रभारी हेडमास्टर साजदा खातून से स्कूल की ऊपरी मंजिल का कमरा दिखाने को कहा. लेकिन हेडमास्टर आनाकानी करने लगीं. इसपर अधिकारी को संदेह हुआ और वो बंद कमरे को खोलने का दबाव डालने लगीं.
बंद कमरे में दो युवक नशापान करते धराए
हेडमास्टर के पास रखी चाभी से जब कमरा खोला गया तो अंदर का नजारा देखकर अधिकारी अचंभित रह गयीं. बंद कमरे में दो युवक नशापान कर रहे थे. मौके पर शराब की बोतलें, सिगरेट, माचिस व कई कंबल आदि रखे थे. पूरे दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया गया और इसकी जानकारी डीएम और डीइओ को दी गयी. मौके पर थानाध्यक्ष और बीडीओ को बुलाया गया. इसी बीच दोनों नशेबाज बोतल के साथ फरार हो गये.
प्रभारी हेडमास्टर साजदा खातून निलंबित
इस पूरे घटना में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाली प्रभारी हेडमास्टर साजदा खातून को पंचायत सचिव ने निलंबित कर दिया. अभी तक एफआइआर की जानकारी सामने नहीं आई है. बीइओ का कहना है कि उनके पास कोई सबूत नहीं है. थानाध्यक्ष रंजीत कुमार चौधरी ने बताया कि संबंधित विभाग की ओर से कोई लिखित आवेदन नहीं दिया गया है.