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बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के तीसरे चरण में प्रश्न पत्र लीक का मामला सामने आया है। नियुक्ति परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले में ईओयू जांच कर रही है। वहीं बीपीएससी ने प्रश्न पत्र वायरल मामले में ईओयू के जांच को खारिज कर दिया था। आयोग का कहना था कि किसी भी तरीके से प्रश्न पत्र वायरल नहीं हुआ है। अगर प्रश्न पत्र वायरल का मामला सहीं है तो जांच कमेटी इस मामले पर सही रिपोर्ट पेश करे।
वहीं शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक का मामला सही साबित हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक नियुक्ति का प्रश्न पत्र सिपारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक करने वाले गिरोह ने किया है। जिस प्रिटिंग प्रेस में सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र छापा गया था। वहीं बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का प्रश्न पत्र छपवाया गया था।
शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के करीब 500 अभ्यर्थियों से गिरोह ने संपर्क साधा था। वहीं गिरोह ने इस परीक्षा में पास करवाने के लिए अभ्यर्थियों से 10-10 लाख का ठेका लिया था। इस परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक का मास्टरमाइंड विशाल चौरसिया है जो सचिवालय के ग्रामीण विभाग में कार्यरत है।
वहीं ईओयू के जांच में यह मालूम हुआ है कि प्रश्न पत्र छपने के बाद प्रश्न पत्र पर अलग से खास तरह की बार कोडिंग की जाती है। इन कोड की मदद से लीक प्रश्न पत्र किस केंद्र पर किस कमरे में बांटा गया है यह पता चलता है।