कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर डटे हुए हैं. अब केंद्र सरकार ने सड़कों पर उतरे किसानों को बातचीत का न्योता दिया है. आज यानी मंगलवार को केंद्र सरकार इन किसान संगठनों से बातचीत करेगी. सरकार ने सिर्फ 32 ही किसान संगठनों को बातचीत की टेबल पर बुलाया है.
इसके चलते कई किसान संगठन नाराज हो गए हैं. पूरे देश में करीब 500 किसान संगठन है जो बातचीत में शामिल होना चाहते हैं. पंजाब किसान संघर्ष समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह सभरान ने कहा कि देश में इस वक्त किसानों के 500 से ज्यादा जत्थे हैं. लेकिन सरकार ने सिर्फ 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए बुलाया है. इस जब तक सबको बातचीत के लिए नहीं बुलाया जाता, तब तक हम बातचीत करने नहीं जाएंगे.
बता दें कि कोरोना संकट और ठंड को देखते हुए सरकार ने 3 दिसंबर को होने वाली बातचीत पहले ही बुला ली. ऐसे में सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच बातचीत से कोई हल निकल सकता है. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बातचीत की अगुवाई करेंगे. किसान पिछले 6 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.
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दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर एस सभरन ने कहा कि देश में किसानों के 500 से ज्यादा समूह हैं लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. जब तक सारे समूहों को नहीं बुलाया जाता, तब तक हम बातचीत नहीं करेंगे.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को मनाने की कवायद तेज हो गई है. केंद्र सरकार ने तीन दिसंबर की जगह आज दोपहर बाद तीन बजे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है.
बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुए तीन दिसंबर की जगह मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है.
बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है.
गौरतलब है कि हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया.
इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा.
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कृषि मंत्री ने कहा…
‘कोरोना वायरस महामारी एवं सर्दी को ध्यान में रखते हुए हमने किसान यूनियनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिए आने का न्यौता दिया है.’
उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलायी गयी है. उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है.
इस बीच कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर एक दिसंबर को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है . अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीाय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं.
अगर किसानों की मांगें दो दिन में नहीं पूरी की गई तो हड़ताल पर जाएंगे : टैक्सी यूनियन
वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया टैक्सी यूनियन ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो वे हड़ताल पर जाएंगे। युनियन के अध्यक्ष ने इसकी जानकारी दी.
यूनियन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर ने कहा कि वे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें दो दिन का समय दे रहे हैं.
इससे पहले 13 नवंबर को हुई बैठक बेनतीजा रही थी और केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था ताकि तीन नए कृषि कानूनों से उपजी उनकी चिंताओं का निराकरण किया जा सके.
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