बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब एनडीए टूट गया है।लोजपा ने नीतीश कुमार को नेता मानने से इनकार कर दिया है और उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है।लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में यह अहम फैसले लिए गए। पार्टी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला लिया है। साथ ही लोजपा भाजपा सरकार का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।लोक जनशक्ति पार्टी केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य मौजूद थे।
लोक जनशक्ति पार्टी केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों की मौजूदगी में यह बड़ा निर्णय लिया गया है।करीबी सूत्रों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना और ऑपरेशन के कारण पशुपती पारस और कैसर वीसी के माध्यम से इस अहम बैठक में जुड़े। इस मीटिंग में लोजपा नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोजपा-भाजपा सरकार का प्रस्ताव पारित किया गया है। यानी कि चुनाव के बाद लोजपा के सभी विधायक भाजपा को समर्थन देंगे. लोजपा के सभी विधायक पीएम मोदी और मज़बूत करेंगे। दरअसल एक साल से बिहार 1st बिहारी 1st के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर लोजपा पीछे हटने को तैयार नहीं है।
143 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
चिराग पासवान जदयू के चुनौती देने के लिए 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले फॉर्मूले पर ही आगे बढ़ें हैं।गौरतलब है कि लोजपा चीफ चिराग पासवान और जदयू की बीच चल रही खींचतान किसी से छिपी नहीं है। सीट बंटवारे को लेकर जदयू ने पहले ही यह कह दिया था कि वो लोजपा से कोई बात नहीं करना चाहती है और बीजेपी इस मामले को देखे।