बिहार विधानसभा के आगाज के वक्त से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि इस बार लालू फैमिली और चंद्रिका राय के परिवार के बीच जारी कलह चुनावी मैदान तक उतर कर आएगी।लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी राजद चीफ लालू यादव ने ऐसा नहीं होने दिया।लालू के सियासी खेल ने घर की बात घर तक ही सीमित करके रख दी।
लालू का मास्टर स्ट्रोक
ऐश्वर्या राय और तेजप्रताप यादव के तलाक प्रकरण के बाद से लालू प्रसाद और चंद्रिका प्रसाद राय के परिवारों के बीच छत्तीस का रिश्ता जगजाहिर है। यह कयास लगाए जा रहे थे कि चंद्रिका राय अपनी बेटी ऐश्वर्या को तेजप्रताप यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारेंगे।इसको लेकर चंद्रिका राय खुले मंच से कई बार इसका ऐलान भी कर चुके थे।लेकिन लालू यादव ने तेजस्वी के तरकस में एक ऐसा तीर पहले ही डाल दिया था ताकि अगर चंद्रिका राय परिवार की बात को चुनाव मैदान में लाएं तो तेजस्वी उस तीर का इस्तेमाल कर सके।लालू के इशारे पर तेजस्वी यादव ने चंद्रिका राय की भतीजी करिश्मा राय को पार्टी में ज्वाइन करवा दिया और इस बात की जिक्र करवा दिया कि करिश्मा चंद्रिका राय के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकती हैं.लालू यादव का यह मास्टर स्ट्रोक काम कर गया।चंद्रिका राय भी जान गए की घर की बात घर में ही रहे तो अच्छा।
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