कोरोना के कहर अभी तक ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा है।इसी बीच बिहार सरकार के दो मंत्रियों का चार दिन के अंदर मौत हो गया।दोनों कोरोना संक्रमित हो चुके थे। आपको बता दे बिहार में विधानसभा का चुनाव हो रहा है।लेकिन इस चुनाव में कोरोना को लेकर कोई सावधानी बरती नहीं जा रही है।चुनाव आयोग ने इसका पालन करने के लिए गाइडलाइन्स जारी किया था।लेकिन खुद नेता इस गाइडलाइन की धज्यियां उड़ा रहे हैं और चुनावी प्रचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं।ऐसे में वोटरों को खुद सावधान रहने की जरूरत है।क्योंकि बिहार में कोरोना का खतरा भले ही चुनावी शोर में दबा है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
कोरोना संक्रमित कपिल देव कामत का निधन
कोरोना से बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री कपिल देव कामत का निधन हो गया है।मधुबनी के बाबूबरही से कपिल देव कामत विधायक थे।उनके निधन पर सीएम नीतीश कुमार ने शोक जताया है।कई दिनों से कपिलदेव कामत की स्थिति नाजुक बनी हुई थी।कोरोना संक्रमित होने के बाद उनको पटना एम्स में भर्ती कराया गया था।उन्हें पहले से ही किडनी की परेशानी थी।उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।ब्लड प्रेशर भी कम था।कामत की हालत पर डॉक्टर लगातार नजर बनाये हुए थे।लेकिन देर रात उनका निधन हो गया।
विनोद सिंह का निधन
12 अक्टूबर को बिहार सरकार के मंत्री विनोद सिंह का निधन हो गया था।16 अगस्त को ब्रेन हेमरेज हुआ।ब्रेन हेमरेज के बाद मंत्री विनोद सिंह को तत्काल पटना के रुबन अस्पताल में एडमिट कराया गया।फिर यहां से उनको एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेज गया।पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण मंत्री विनोद सिंह 28 जून को कोरोना संक्रमित पाए गए थे।जिसके बाद उन्हें कटिहार जिला स्थित विनायक होटल में आइसोलेट किया गया था।कुछ दिनों तक आइसोलेशन में रहने और इलाज के बाद मिनिस्टर की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आ गई थी।लेकिन इस बीच ब्रेन हैमरेज हो गया।जिसके बाद उनका इलाज दिल्ली के मेदांता में चल रहा था।इस बीच पटना के दो सीनियर पत्रकारों का भी कोरोना से मौत हो चुकी है।इसमें से एक चुनावी सभा के दौरान संक्रमित हुए थे, लेकिन चुनाव के बीच लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं।चुनावी रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
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