Thursday, May 16
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अररिया के मिर्जापुर में सप्ताहभर में तीन बड़ी घटनाएं, शोक से नहीं उभर पा रहे ग्रामीण

मिर्जापुर में महज एक सप्ताह पूर्व में हुई छात्र राजा कुमार की हत्या से लोग उबरे नहीं थे कि रविवार की देर रात्रि रानीगंज के बिस्टोरीया के समीप हुई सड़क दुर्घटना में एक साथ चार मौत ने लोगों को सकते में डाल कर रख दिया है। इतना ही नहीं 20-25 दिन पूर्व मिर्जापुर पेट्रोल पंप के समीप स्टेट हाइवे पर भीषण सड़क दुर्घटना हुई थी। जिसमें कूड़वा एवं भरगामा आदि जगहों के तीन लोगों की जिंदगी समाप्त हो गई थी। लोगों के दिलों दिमाग से इस सड़क हादसे की याद मिटी नही कि इस बड़ी घटना ने तो कहर ही ढहा दिया। विपदा पर विपदा गांव पर भारी पड़ रहा है।

एक के बाद एक दुखद घटना गांव में असहनीय पीड़ा को जन्म दे रहा है। हर घर में उदासी का माहौल है। हर गमगीन शख्स की जुबां पर यही चर्चा कि यह क्या हो रहा है। विदित हो कि बीते 28 अगस्त को कोचिंग में पड़ने के दौरान मोबाइल बजाने से मना करने को लेकर एक सहपाठी ने अपने दुसरे सहपाठी की ईट से सर पर वार कर हत्या कर दी थी। इस हादसे का जख्म गांव से मिटा नही कि अब सड़क दुर्घटना में पिता पुत्र सहित चार लोगों की मौत ने हर एक को हिला कर रख दिया। नियति को सब कोसते नजर आ रहे है। गमगीन सह पूर्व पैक्स अध्यक्ष उमेश मेहता एवं स्थानीय निवासी साजिद आलम कहते है कि गांव को किसकी नजर लग गई है। पता नही।अब क्या क्या देखना पड़ेगा। ऊपर वाले से गांव की सलामती की दुआ कर रहा हूं। सब सलामत रहें।

उजड़ा तीन की माथे का सिंदूर

विमल कुमार, अररिया: एक ही हादसे में तीन महिलाओं के माथे की सिंदूर मिट गए। एक ने तो पति के साथ-साथ एक चार साल के मासूम बालक को भी खो दिया। सोमवार को फारबिसगंज प्रखंड के मिर्जापुर पंचायत के वार्ड संख्या 09 के खोपड़िया टोला में एक साथ तीन अर्थी पर चार लोगों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के क्रम में माहौल काफी गमगीन हो गया। मिर्जापुर पंचायत के मुखिया अनीता देवी ने अपने पति राजेश ऋषिदेव तथा बेटे मोनू कुमार को खो दिया। बाप बेटे के शव को एक ही अर्थी पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। वहीं श्याम ऋषिदेव तथा कुढेली निवासी रंजित ऋषिदेव को अलग अलग अर्थी पर अंतिम संस्कार किया गया। एक टोला में चार लोगों का मौत एक ही सड़क दुर्घटना में हो जाने से लोग काफी गमगीन हैं। लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। सभी अपने अपने भाग्य को कोस रहे हैं। रंजित ऋषिदेव अपने ससुराल में ही घर जमाई बनकर रह रहा था

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