Saturday, July 27
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सुप्रीम कोर्ट ने Hathras कांड को बताया भयानक, योगी सरकार से मांगे ये 3 जवाब

उत्तर प्रदेश हाथरस (Hathras) में हुए कांड के बाद देश भर में इस मसले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। वहीं, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर की गई अलग-अलग याचिकाओं पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार (UP Govt) से कहा है कि वह 8 अक्टूबर तक कोर्ट को बताएं कि हाथरस कांड में फैमिली के प्रोटेक्शन के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। शीर्ष अदालत ने इस बाबत राज्य सरकार से फैमिली की सुरक्षा के लिए हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है।

आप इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने इस केस को शॉकिंग केस बताया।इसके दौरान याचिककर्ता के वकील की ओर से कोर्ट की निगरानी में जांच की बात कही गई। इस पर सीजेआई ने पूछा कि आप इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता यूपी सरकार की ओर से पेश हुए और कहा कि हाथरस केस में कुछ लोगों द्वारा नेरेटिव पर नेरेटिव बनाया जा रहा है और उसे फैलाया जा रहा है। इसे रोके जाने की जरूरत है। इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है ताकि तमाम तरह के नेरेटिव और फर्जी कहानियों पर विराम लग सके। यूपी सरकार ने कहा कि मामले की छानबीन सीबीआई द्वारा कराया जाना चाहिए।

तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने यह बताने के लिए कहा कि हाथरस मामले में गवाहों और पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा कैसे की जा रही है? उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सामने कार्यवाही के दायरे के बारे में सभी से सुझाव चाहते हैं और हम इसका दायरा बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं? पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल से यह भी पूछा कि क्या पीड़ित परिवार ने प्रतिनिधित्व के लिए कोई वकील चुना है? अब मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।

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