बिहार चुनाव में पहली बार हो रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट में अलर्ट के बाद सुरक्षाबलों को विशेष तैनाती की गई है।पहले दिन 23 जनवरी को तीन रैलियां होनी हैं और इसके लिए सभी जिलों से पुलिस फोर्स को भी लगाया गया है।एक-एक जिले में 30 डीएसपी, 100 इंस्पेक्टर और 150 सब इंस्पेक्टर को लगाया गया है। मुख्यालय ने अपने स्तर से पीएम की रैलियों के लिए 7 आईपीएस और 4 डीएसपी की अलग से तैनाती की है।डॉग और बम स्क्वायड की टीम रैली वाली जगह पर प्रधानमंत्री की सभा से 24 घंटे पहले से ही पहुंचकर एक-एक जगह की जांच करेगी। आईबी अलर्ट के कारण मोदी की रैली को लेकर तीनों जिलों में कई तरह की पाबंदियां भी रहेंगी। शुक्रवार की रैली के लिए गुरुवार को सासाराम, गया और भागलपुर के होटलों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर सख्त जांच चलती रही। कार्यक्रम स्थल पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। रूट को डायवर्ट कर दिया गया है।
क्यों की गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
प्रधानमंत्री की रैली में आईबी ने नक्सली हमले की आशंका जताई है। 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की तीन रैलियों में से दो (सासाराम और गया) नक्सल प्रभावित इलाके हैं। पूर्व की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार पुलिस कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती है। 2013 में पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री की रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट हुआ था। उस वक्त नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। भाजपा की तरफ से हुंकार रैली आयोजित की गई थी। इस हमले में आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी ही थे। उनकी हत्या की प्लानिंग थी।
क्या-क्या हो रहे सुरक्षा के इंतजाम
प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था अलग-अलग लेयरों में होगी। मुख्यालय के अलावा संबंधित जिलों की पुलिस टीम रैली वाले स्थल से लेकर आने-जाने वाले रास्ते पर अलग-अलग लेयर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में जुटी हुई है। शारीरिक रूप से जांच करने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद ली जा रही है। आसपास के इलाकों, होटलों और वहां से गुजरने वालों की जांच की रही है। संदिग्धों पर नजर पड़ते ही उनकी पूरी पड़ताल की जा रही है। जिलों के बॉर्डर एरिया को सील कर दिया गया है। सख्त चेकिंग के बाद ही गाड़ियों को आने दिया जा रहा है। एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) और एसटीएफ की टीम को भी सुरक्षा में लगाया है। इनकी संख्या इतनी होगी कि रैली वाली जगह में अंदर और बाहर, हर जगह पर पैनी नजर रखी जाएगी। इंट्रेस गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाया जाएगा। रैली में शामिल होने वाले हर एक व्यक्ति को जांच की प्रक्रिया से गुजरना होगा। उनकी कड़ी चेकिंग की जाएगी। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, वहीं मॉनिटर लगा होगा और उसके जरिए पूरी भीड़ पर नजर रखी जाएगी।
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