शराब पर फिर शुरू हुई राजनीती, आरोप-प्रत्यारोप का दौर हुआ शुरू…..

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Patna : बिहार में एक बार फिर से शराब पर राजीनीति शुरू हो गई हैं. विपक्ष के साथ साथ सत्ता में सहयोगी दल के नेता भी इसपर सवाल खड़े कर रहे हैं. जी हाँ पूर्व उपमुख्यमंत्री तरकिशोर प्रसाद से जब जीतन राम मांझी के तरफ से एक बार फिर शराबबंदी कानून को लेकर उठाए गए सवालों पर सवाल किया गया तो उन्होंने सरकार पर ही हमला बोलते हुए कहा कि सरकार का तंत्र शराबबंदी को लागू करने में पूरी तरह से फेल हैं.

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बता दे तरकिशोर प्रसाद नें कहा कि सरकार को प्राथमिकता के आधार पर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है कि शराब से क्या नुकसान है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. बिहार सरकार की यह योजना पूरी तरह से असफल है. जीतन राम मांझी इसी तकलीफ को लेकर ऐसा बयान दिए होंगे. जो जहरीली शराब के निर्माता हैं. उन पर प्रहार होना चाहिए और यह सब तभी संभव है, जब सरकार का तंत्र ईमानदार हो. लेकिन महागठबंधन की सरकार में सभी लोग शराब माफियों के साथ हो गए हैं.

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बता दे गठबंधन में शामिल दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार यह मांग कर रहे हैं कि शराबबंदी कानून को वापस लिया जाए, इससे बेहद नुकसान हो रहा है. जी हाँ तेजस्वी यादव के सामने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खुले मंच से यह कह दिया कि, राज्य में वापस से शराब चालू होना चहिए. मांझी ने अपने मगही अंदाज में कहा कि, तेजस्वी बाबू बिहार में फेर से शराब चालू करवा देहू, एकरा बारे में मुख्यमंत्री जी से भी बात करहु.

साथ ही मांझी ने कहा कि, गया और बिहार में देश-विदेश से पर्यटक आ तो रहे हैं, लेकिन, कोई भी यहां रुक ही नहीं रहे हैं. थोड़ी देर घूमकर सीधे बनारस और पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग जा रहे हैं. जिसके कारण राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है. जब बाहर के पर्यटक रुकेंगे ही नहीं तो विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा? इसलिए हम मुख्यमंत्री नीतीश जी से अंदर-अंदर ही शराबबंदी को समाप्त करने के लिए मांग करेंगे.

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