Saturday, July 27
Shadow

उद्योगों पर नीतीश बोले- समुंद्र के किनारे होते तो लग जाता; रोजगार पर बोले – सबको सरकारी नौकरी किस देश में मिलती है?

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को निश्चय संवाद के जरिए अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की। करीब एक घंटे के भाषण में नीतीश कुमार ने एक बार भी राजद नेता और महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया। उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी के शासन काल के 15 साल की चर्चा कई बार की। नीतीश ने लोगों से कहा कि आप काम देखकर फैसला करिए, अगर हमरा काम पसंद है तो फिर से मौका दीजिए।

नीतीश ने कहा कि जनता मालिक है। काम के आधार पर वोट दीजिए। हमारा काम पसंद है तो मौका दीजिए अगर काम पसंद नहीं है तो फैसला करने का अधिकार आपको है। पर इतना जान लीजिए कि दूसरे लोगों में दम नहीं है। वे लोग सिर्फ जुबान चलाते हैं। वे समाज को बांटने में लगे हैं। इनसे सतर्क करना है। इन लोगों को न काम करने का अनुभव है और न इच्छाशक्ति।

राजद पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए नीतीश ने कहा कि कुछ लोगों के लिए पति-पत्नी और बेटा-बेटी ही परिवार है। ये लोग निजी परिवारवाद पर चल रहे हैं। मेरे लिए तो पूरा बिहार ही परिवार है। ये लोग समाज को बांटने में लगे हैं। अगर लोग आपस में झगड़ा करेंगे तो विकास का काम पीछे चला जाएगा। आपस में विवाद कराने वालों से सचेत रहिए।

कोरोना काल में सरकार की नाकामी पर बोलने वाले पहले याद कर लें अपने 15 साल

नीतीश ने लॉकडाउन के दौरान बिहार के बाहर फंसे लोगों को दी गई मदद के बारे में बताया। उन्होंने कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे काम गिनाए। राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा कि आज कुछ लोग क्या-क्या बोलते रहते हैं? वे पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) राज के 15 साल को याद कर लें। पहले आपदा पीड़ितों के लिए कोई काम होता था क्या? हमने तो व्यवस्था की है कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक होगा। पहले तो नवंबर बीत जाता था और बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं मिलती थी।

‘उद्योग लगाना चाहते थे, लेकिन हो न सका’

उन्होंने कहा कि बिहार का विकास दर डबल डिजिट में है। 2006-07 में स्थिर मूल्य पर बिहार का राज्य सकल घरेलू उत्पाद 88840 करोड़ रुपए था। 2019-2020 में यह बढ़कर 4 लाख 14 हजार 977 करोड़ रुपए हो गया है। हम चाहते थे कि उद्योग लगे, लेकिन उस तरह से काम नहीं हुआ। लोग बड़े उद्योग नहीं लगाते हैं। लेकिन हर परिवार के लिए हर गाँव, हर शहर में जो काम हमने किया है। उसी से हमारी वृद्धि हुई है। प्रगति हुई है।

नीतीश ने कहा कि अब कोई बड़ा उद्योगपति आते और उद्योग लगाते तो लोग कहते कि काम हुआ है। लेकिन जो लोग उद्योग लगाते हैं, वो कहां लगाते हैं। उन राज्यों में जो समुंद्र के किनारे हैं। हम लोग तो लैंडलॉक्ड हैं। इसलिए यहीं लोगों को काम मिले, इसके लिए काम किया है। हमारी सरकार ने उद्योग बढ़ाने की दिशा में काम किया है ताकि लोगों को यही रोजगार मिले और उन्हें काम की तलाश में बाहर न जाना पड़े।

‘हर किसी को सरकारी नौकरी कहां मिलता है भाई?’

मुख्यमंत्री ने इस दौरान बिना नाम लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के रोजगार देने के वादे पर व्यंग किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बेरोजगारी पर बहुत बात करते हैं। कहते हैं कि कैबिनेट की मीटिंग कर इतना रोजगार दे देंगे। अरे भाई, पहले बताइये कि आपके परिवार के 15 साल के शासन में कभी कैबिनेट की मीटिंग होती थी क्या? और, दुनिया में कौन से देश में हर किसी को सरकारी नौकरी मिलती है? ये संभव है क्या? इसलिए कहते हैं, सचेत रहिए।

इससे पहले उन्होंने रोजगार के आंकड़े बताते हुए कहा कि हमने पिछले 15 वर्षों में कुल 6,08,893 युवाओं को सरकारी नौकरी में भर्ती किया है। शिक्षकों में 3198 लाख पद, पुलिस सेवाओं में 51, 241 पदों पर और विभिन्न अन्य सेवाओं में 1,59, 652 पदों पर नियुक्ति हुई है। लगभग 65 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने आगे 15 साल के राजद शासनकाल के आंकड़े बताते हुए कहा कि तब 95,734 पदों पर भर्ती हुई। इनमें 10 सालों में नियुक्तियां तब के संयुक्त बिहार में हुई थी, जिसमें झारखण्ड भी था।

बिहार और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें DTW 24 NEWS UPDATE Whatsapp Group:- https://chat.whatsapp.com/E0WP7QEawBc15hcHfHFruf

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *