Saturday, July 27
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हाथरस लाइव अपडेट: रोकने के बाद अब चंद्रशेखर आज़ाद को जाने की अनुमति मिली

मृत युवती के गांव में भारी तनाव का माहौल है. वहां मौजूद संवाददाता ने बताया कि रालोद के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी हुआ है हालांकि रालोद नेता जयंत चौधरी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है.

उन्होंने कहा कि अगर यह कहा जा रहा है कि राजनीति की जा रही है तब मैं कहूँगा कि राजनीति होनी चाहिए क्योंकि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध का आंकड़ा काफी बढ़ चुका है तो इसलिए इस पर राजनीति हो रही है तो यह सही हो रही है.

कुछ सवर्ण संगठनों ने भी यहाँ पर अभियुक्तों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन किया है और भीम आर्मी के ख़िलाफ़ नारेबाजी की है.

उनका कहना है कि इस मामले की सीबीआई जांच हो. उनका दावा है कि गिरफ्तार किए गए लड़के निर्दोष हैं. सीबीआई जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा.

दूसरी ओर, भीम आर्मी के चीफ़ चंद्रशेखर ने पैदल ही गांव की ओर बढ़ना शुरू कर दिया था क्योंकि 20-25 किलोमीटर पहले ही उनकी गाड़ियों को रोक दिया गया था.

लेकिन अब कुछ दूर पैदल चलने के बाद उन्हें दस लोगों के साथ यहाँ पहुँचने की अनुमति मिल गई है. पुलिस बल बड़े पैमाने पर गांव में तैनात है और तनाव बढ़ने की आशंका बनी हुई है

बिना कुछ खाए इंसाफ़ की आस में बैठा पीड़ित परिवार

हाथरस में मौजूद बीबीसी की सहयोगी पत्रकार चिंकी सिन्हा ने बताया कि पीड़ित परिवार के घर में शनिवार से ही खाना नहीं बना है.

मृतका की भाभी ने कल भी गूंथा हुआ आटा फेंक भी दिया था.

वहाँ पर इतने लोग जमा हो गए हैं कि परिवार के लोगों के लिए खाना तक बनाना मुश्किल हो गया है.

मृत युवती की भाभी आज भी रसोई में आटा गूंथने के लिए आई हैं.

रालोद के जयंत चौधरी पहुँचे हुए हैं और वो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बाइट देने में लगे हुए हैं.

पूरा दिन कल वो सिर्फ बिस्किट खाकर रहीं और एक बजे रात में उन्होंने थोड़ा सा खाना खाया.

आज सुबह से मीडिया के लोग आने शुरू हो गए थे. तब से वो बिना कुछ खाए इंसाफ़ और उम्मीद की आस लगाए बैठी हैं.

दूसरी तरफ़, हाथरस की घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का आना जारी है.

डीएमके नेता और सांसद कनिमोझी ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि यूपी सरकार वहाँ (हाथरस में) जो हुआ उसे छिपाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, “पुलिस की ओर से किए गए अंतिम संस्कार और पत्रकारों पर हुए हमले की कड़ी निंदा करती हूं. इसके अलावा जो नेता वहाँ जा रहे हैं, उनके ऊपर भी हमला किया जा रहा है.”

लगातार ऐसे ट्वीट कर रहे हैं अमित मालवीय

इधर, अमित मालवीय अपने ट्वीट्स के ज़रिए ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि ये यौन हिंसा का मामला है ही नहीं.

हाथरस की घटना को लेकर अमित मालवीय ने और भी कई ट्वीट किए हैं.

एक ट्वीट में उन्होंने इशारा किया है कि 19 सितंबर को कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन के मिलने के बाद फिर 22 सितंबर को गैंगरेप का आरोप जुड़ा.

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