प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव की जयंती पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. बत देन कि PM मोदी ने कहा कि कृषि में सुधार के लिए यह तीनों कानून लाए गए थे, मगर अब हम इन कानूनों को वापस ले रहे हैं. इतन हि नही संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम के एलान का स्वागत करते हुए कहा कि किसान संसद इसे रद्द किए जाने का इंतजार करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। SKM ने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि किसानों का आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के खिलाफ है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है.
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.
’26 नवंबर को लाखों किसान रास्तों पर उतरेंगे’
वहीं कृषि कानून रद्द होने पर ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा, ‘मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं. जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी. इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी.
पीएम मोदी ने कृषि कानूनों और एमएसपी पर क्या घोषणा की
आपको बता दे कि पीएम मोदी ने पिछले करीब एक साल से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की. पीएम मोदी ने कहा, सरकार तीन नए कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही. इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था.
MSP पर पीएम मोदी ने कहा, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.