स्वस्थ रहने से इम्युनिटी बढ़ाने तक हर चीज के लिए चिकित्सक सब्जियां खाने की सलाह देते हैं…मगर देश में उपजाई और बेची जा रही 9.21% सब्जियों में लेड और कैडमियम जैसे हेवी मेटल्स की मात्रा तय सीमा से दो से तीन गुना तक ज्यादा है। यह खुलासा फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सब्जियों पर पहले देशव्यापी अध्ययन में हुआ है। सबसे खतरनाक स्थिति मध्य प्रदेश की है, जहां सब्जियों के 25% नमूनों में हेवी मेटल्स की घातक मात्रा पाई गई।
छत्तीसगढ़ के 13.6% और बिहार के 10.6% नमूने इस जांच में फेल हो गए। देश को पांच जोन्स में बांट कर किए गए इस अध्ययन में सिर्फ साउथ जोन के सारे नमूने खरे उतरे। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण सिंघल ने केन्द्रीय जल शक्ति, पर्यावरण और कृषि मंत्रालय को जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है।
ऐसा देशव्यापी अध्ययन पहली बार किया गया है। इसके लिए देश को पांच जोन में बांटा गया। तीन किस्म की सब्जियों के नमूने लिए गए। पत्ते वाली, फल वाली और जमीन के अंदर होने वाली सब्जियों के कुल 3323 नमूने लिए गए। पूरे वर्ष अध्ययन किया गया और दो माह में इसकी रिपोर्ट तैयार की गई। सब्जियों के 306 यानी 9.21% नमूने फेल हो गए।
कहा से आए हैवी मेटल्स
मिली जानकारी के मुताबिक सब्जियों में हेवी मेटल्स की मात्रा कीटनाशकों के इस्तेमाल और गंदे पानी से खेती से आई है।सही जानकारी के लिए अभी भी बड़े स्तर पर अध्ययन की जरुरत है। अभी भी नहीं बता सकते है की कहा कितनी मात्रा में ये है।