Saturday, July 27
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इंजीनियर से विधानसभा अध्यक्ष बनने तक का सफर, जानिए विजय कुमार सिन्हा के बारे में

पटना:
अर्से बाद बीजेपी ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी पर अपना नेता बिठा दिया है। बिहार विधानसभा के नए स्पीकर चुन लिए गए हैं। NDA की ओर से घोषित उम्मीदवार और लखीसराय से जीत की हैट्रिक मारने वाले विजय सिन्हा को बहुमत से बिहार विधानसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है। जानिए विजय कुमार सिन्हा के बारे में यहां…

विजय कुमार सिन्हा बिहार के चर्चित विधायकों में से

विजय कुमार सिन्हा बिहार के चर्चित चेहरों में से एक माने जाते हैं। वह इससे पहले राज्य सरकार में श्रम संसाधन मंत्री रह चुके हैं। इस बार लखीसराय से तीसरी बार लगातार विधायक चुने गये हैं। 54 वर्षीय विजय कुमार सिन्हा सिन्हा भूमिहार समाज से आते हैं। पिछले विधानसभा स्पीकर विजय कुमार चौधरी भी इसी समाज से आते थे।

पिछले टर्म में विजय कुमार सिन्हा ही वो मंत्री थे जिन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी के एक कद्दावर नेता और मंत्री पर सवाल उठा दिए थे। उनसे पहले बिहार बीजेपी में सुशील मोदी के उपमुख्यमंत्री रहते किसी ने ये जुर्रत नहीं की थी। कहते हैं कि इसके बाद उनके विभाग के सचिव का तबादला बगैर उनकी राय लिए हुए कर दिया गया। लेकिन तब JDU सरकार में बड़े भाई की भूमिका में थी इसलिए विजय सिन्हा चुप रह गए। लेकिन अब समीकरण और समय दोनों ही बदल गए हैं।

CM नीतीश की तरह विजय सिन्हा ने भी इंजीनियरिंग को चुना था करियर

बिहार विधानसभा के नए स्पीकर और पूर्व श्रममंत्री और लखीसराय से विधायक विजय कुमार सिन्हा भी इंजीनियर बनने वाले थे। 1987 में बेगूसराय के बरौनी पॉलिटेक्निक से तालीम हासिल कर वो इस दिशा में अपना कदम आगे भी बढ़ा चुके थे। लेकिन किस्मत उन्हें राजनीति में ले आई और अब वो विधानसभा की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठ गए हैं।

विजय सिन्हा ऐसे आए राजनीति में

5 जून 1967 को जन्मे विजय कुमार सिन्हा के पिता स्व. शारदा रमण सिंह पटना के बाढ़ स्थित बेढ़ना के हाई स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक थे। उनकी मां का नाम स्व. सुरमा देवी है। पैत्रिक निवास मोकामा के बादपुर में रहा है। सुशीला सिन्हा से इनकी शादी वर्ष 1986 में हुई थी।

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इनकी रुचि सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक कार्यों में शुरू से रही है। बचपन में ही यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से स्वयंसेवक के रूप में जुड़े थे। महज 13 वर्ष की उम्र में यानी 1980 में सिन्हा ने बाढ़ में आयोजित बीजेपी के कार्यक्रम में पारिवारिक भागीदारी में सहयोग किया था। 15 वर्ष की उम्र में बाढ़ के दुर्गापूजा समिति के सचिव के रूप में चुने गए। यहां से जब इनके भीतर संगठन में नेतृत्व क्षमता डेवलप होने लगी तो बाढ़ के ही एएन कॉलेज में पढ़ते हुए 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति में यह सक्रिय हो गए। इसी का नतीजा हुआ कि पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ते हुए 1985 में राजकीय पॉलिटेक्निक मुजफ्फरपुर छात्र संघ के अध्यक्ष बनाए गए।

1990 में सिन्हा को राजेन्द्र नगर मंडल पटना महानगर भाजपा में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी मिली। साल 2000 में सिन्हा को प्रदेश संगठन प्रभारी, भारतीय जनता युवा मोर्चा बिहार-सह-चुनाव प्रभारी भाजपा सूर्यगढ़ा वि.स. जिला लखीसराय की जिम्मेवारी दी गई। 2002 में विजय कुमार सिन्हा भारतीय जनता युवा मोर्चा, बिहार के प्रदेश सचिव बनाए गए। इसके बाद उन्होंने तीन बार लखीसराय से ही चुनाव जीता और पीछे मुड़कर नहीं देखा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे इंजीनियर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आते हैं। सोशल इंजीनियरिंग के माहिर कहे जाने वाले नीतीश कुमार ने 1972 में पटना साइंस कॉलेज की NIT यानि नेशनल इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। वो काबिल इंजीनियर भी बन सकते थे लेकिन जेपी आंदोलन ने उन्हें राजनीति में खींच लिया और कभी इंजीनियर बनने चला बख्तिारपुर का एक लड़का सत्ता के शीर्ष पर आ गया।

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