Saturday, July 27
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बेसहारा कुशवाहा को मायावती का मिला सहारा, महागठबंधन से लेकर एनडीए तक में नहीं मिली जगह

PATNA : तेजस्वी यादव के नेतृत्व का विरोध कर महागठबंधन से खुद को अलग कर चुके उपेंद्र कुशवाहा को अब विधानसभा चुनाव में मायावती का सहारा मिला है. उपेंद्र कुशवाहा का एडजस्टमेंट एनडीए गठबंधन में नहीं हो सका. लिहाजा अब वह बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर बिहार चुनाव में उतरने जा रहे हैं. कुशवाहा आज 2:00 बजे बसपा के नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे. 

खुद कुशवाहा ने कहा है कि वह मंगलवार को इस मसले पर सब कुछ साफ कर देंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि वह आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट कर देंगे कि उनकी भविष्य की राजनीति किस रास्ते पर होगी. कुशवाहा सोमवार को ही दिल्ली से पटना पहुंचे हैं.

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उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक में तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सीधा सवाल खड़ा कर यह स्पष्ट कर दिया था कि वह महागठबंधन के साथ आगे नहीं चलने वाले. कुशवाहा ने कहा था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व के आगे तेजस्वी यादव का चेहरा कहीं नहीं टिकता है. ऐसे में आरजेडी को नेतृत्व में बदलाव करना चाहिए. कुशवाहा के इस रुख के बाद आरजेडी ने भी उन्हें चलता करने का संकेत दे दिया था. कुशवाहा को राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से लगातार झटका दिया जा रहा है.

तेजस्वी यादव ने पहले रालोसपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को आरजेडी की सदस्यता दिलाई और फिर सोमवार को रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी को भी आरजेडी में शामिल करा दिया. कुशवाहा को तेजस्वी ने जिस तरह डैमेज किया है उसके बाद महागठबंधन में उनके बने रहने की उम्मीद खत्म हो चुकी है. कुशवाहा बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में रहे हैं लेकिन एनडीए में उनकी दाल नहीं दल पायी.

अब मायावती के साथ मिलकर बिहार में हाथी की सवारी करेंगे. बता दें कि 2015 में विधानसभा का चुनाव कुशवाहा ने एनडीए के साथ मिलकर 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत उनको मात्र 2 सीटों पर मिली थी. 

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