Saturday, July 27
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बिहार के आठ हजार शिक्षकों की नौकरी पर खतरा: मधबुनी, गोपालगंज, अररिया, नवादा, नालंदा की लिस्‍ट सबसे अधिक लंबी

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में नियोजित शिक्षकों की योग्‍यता को लेकर अक्‍सर सवाल उठता रहा है। खासकर, नियोजन प्रक्रिया के शुरुआती दौर में बहाल किए गए शिक्षकों के ज्ञान के स्‍तर पर सवाल खड़े करने वाले तमाम वीडियो सामने आते रहते हैं। अब ऐसे ही आठ हजार शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, इनकी नौकरी खत्‍म करने से पहले सरकार आखिरी मौका देगी। 

आठ हजार शि‍क्षक देंगे दक्षता परीक्षा  

आगामी शिक्षक दक्षता परीक्षा में आठ हजार शिक्षकों को आखिर बार मौका मिलेगा, इसमें जो शिक्षक पास नहीं करेंगे, उन्हें न्यायालय के आदेश पर सेवा से हटाया जाएगा। राज्य में आठ हजार शिक्षक दक्षता परीक्षा पास नहीं हैं। इनमें तीन हजार ऐसे शिक्षक हैं जो पहले आयोजित हुई दक्षता परीक्षा में शामिल हो चुके हैं, लेकिन परीक्षा पास नहीं किए यानी फेल हो गए। जबकि पांच हजार शिक्षक दक्षता परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। ये नियोजन इकाइयों के ऐसे शिक्षक हैं जो शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रविधान के पहले नियोजित हुए थे।

शिक्षक दक्षता परीक्षा पास करना अनिवार्य

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के तहत ऐसे सभी शिक्षकों की दक्षता परीक्षा जल्द ली जाएगी। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा दक्षता परीक्षा लेने की तैयारी चल रही है। दक्षता परीक्षा लेने से पहले शिक्षकों को छह माह की ट्रेनिंग के माध्यम से तैयारी करायी जा रही है ताकि दक्षता परीक्षा में शामिल होकर पास हो सकें। शिक्षकों के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य है।

इन जिलों में दक्षता परीक्षा में फेल शिक्षक

नालंदा में 83, नवादा में 159, शेखपुरा में 11, गया में 132, सारण में 72, दरभंगा में 77, वैशाली में 59, पश्चिम चंपारण में 18 गोपालगंज में 209, जमुई में 88, कटिहार में 173, खगडिय़ा में 31, किशनगंज में 136, लखीसराय में 33, मधुबनी में 260, अररिया में 206, अरवल में 20, औरंगाबाद में 80, बेगूसराय में 64, कैमूर में 20, भागलपुर में 10, भोजपुर में 77, मुंगेर में 31, मुजफ्फरपुर में 25, पूर्णिया में 165, रोहतास में 30, सहरसा में 87, समस्तीपुर में 74, शिवहर में 10, सीतामढ़ी में 140, सिवान में 164, सुपौल में 143 शिक्षक दक्षता परीक्षा फेल हो चुके हैं जिन्हें इस बार भी दक्षता परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है।

परीक्षा में नहीं हुए शामिल शिक्षक

दक्षता परीक्षा में जो शिक्षक शामिल नहीं हुए हैं उनमें नवादा में 503, पूर्णिया में 78, रोहतास में 97, सहरसा में 173, समस्तीपूर में 123, सारण में 127, शेखपुरा में 45, शिवहर में 19, अररिया में 179, अरवल में 31, औरंगाबाद में 138, बेगूसराय में 110, भागलपुर में 67, भोजपुर में 134, दरभंगा में 297, गया में 157, गोपालगंज में 570, जमुई में 22, कटिहार में 107, खगडिय़ा में 34, किशनगंज में 53, लखीसराय में 35, मधुबनी में 196, मुंगेर में 53, मुजफ्फरपुर में 337, नालंदा में 230, पश्चिम चंपारण में 24, वैशाली में 187, सुपौल में 74, सिवान में 325, सीतामढ़ी में 127, शिवहर में 19 शिक्षक हैं।

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