Wednesday, July 24
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‘लव जिहाद’ किया तो ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा निकलेगी: योगी

लव जिहाद‘ पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवादास्पद चेतावनी दी है। उन्होंने ‘लव जिहाद’ का ज़िक्र करते हुए कहा है कि जो कोई भी हमारी बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेगा उसकी ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा अब निकलने वाली है। मुख्यमंत्री राज्य में आठ विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए जौनपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। हालाँकि उन्होंने अपने बयान में किसी धर्म का नाम नहीं लिया, लेकिन इस बयान से उनका इशारा साफ़ था और यह भी कि इसके परिणाम क्या होंगे। 

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योगी आदित्यनाथ द्वारा जिस ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल किया गया, वह दरअसल बहुत ही विवादास्पद शब्द है। इसको लेकर सरकारी तौर पर ऐसी कोई रिपोर्ट या आँकड़ा नहीं है जिससे इसके बारे में कोई पुष्ट बात कही जा सके। सरकार ने फ़रवरी में संसद को बताया कि इस शब्द को मौजूदा क़ानूनों के तहत परिभाषित नहीं किया गया और किसी भी केंद्रीय एजेंसी द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। लेकिन अधिकतर दक्षिणपंथी और ट्रोल इन शब्दों के माध्यम से यह बताने की कोशिश करते रहे हैं कि मुसलिम एक साज़िश के तहत हिंदू लड़कियों को फँसा लेते हैं, उनसे शादी करते हैं और फिर धर्म परिवर्तन करा लेते हैं।

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इसी ‘लव जिहाद’ को अलग-अलग लोग तोड़-मरोड़ कर कई रूप में पेश करते रहते हैं और एक तरह से हिंदू-मुसलिम का एंगल देते रहे हैं। बीजेपी के कई नेता इस मामले को लगातार उठाते रहे हैं और ख़ुद योगी आदित्यनाथ भी इसको उठाते रहे हैं। 

योगी ने जो चेतावनी दी है उसमें उन्होंने ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा निकालने की बात कही है। ‘राम नाम सत्य है’ की यात्रा हिंदू धर्मावलंबी किसी के निधन पर अंतिम संस्कार के लिए निकालते हैं। शव यात्रा में ‘राम नाम सत्य है’ का जाप किया जाता है।

मुख्यमंत्री द्वारा इस शब्द का इस्तेमाल किये जाने का मतलब क्या है, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है। 

जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,

‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया है। शादी ब्याह के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं। नहीं किया जाना चाहिए इसको, मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। और इसलिए सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को रोकने का सख़्ती से रोकने का कार्य करेंगे। एक प्रभावी क़ानून बनाएँगे।’

भले ही सरकार की किसी भी एजेंसी ने अब तक लव जिहाद का कोई भी केस दर्ज नहीं किया है, लेकिन इसको लेकर योगी आदित्यनाथ के अलावा भी दूसरे कई नेता समय-समय पर बयान देते रहे हैं। हाल ही में लव जिहाद को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष निशाने पर रही थीं। 

यह मामला तब आया था जब महिला आयोग ने अपने ट्विटर हैंडल से रेखा शर्मा के एक बयान वाला ट्वीट किया। उस ट्वीट में उन्होंने ‘लव जिहाद’ के मामले बढ़ने का ज़िक्र किया। उस ट्वीट में कहा गया, ‘हमारी अध्यक्षा रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम श्री भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की और राज्य में महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें कोविद-19 केंद्रों में महिला मरीजों के साथ छेड़छाड़ व बलात्कार और लव जिहाद के मामलों में वृद्धि शामिल हैं।’

उनके इस बयान पर लोग भड़क गए। ट्विटर यूज़र उनके पुराने ट्वीट निकालकर उनसे सवाल पूछने लगे। इसके बाद रेखा शर्मा ने अपने पुराने कई ट्वीट डिलीट कर दिए। कुछ लोगों ने तो यह भी पूछा कि अब ट्वीट को छुपाने का मतलब क्या है? लोग लगातार उनके इस्तीफे की माँग करते रहे।बीजेपी के नेता और असम सरकार में मंत्री ने भी लव जिहाद का मुद्दा उठाया है। असम के शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमन्त विश्व शर्मा ने पिछले महीने कहा है कि बीजेपी 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले ‘लव जिहाद’ मामलों के ख़िलाफ़ एक अभियान शुरू करेगी। डिब्रूगढ़ में पार्टी की महिला मोर्चा की एक बैठक में शर्मा ने दावा किया कि सोशल मीडिया ‘नया फंदा’ है और असमिया लड़कियाँ ‘लव जिहाद’ का शिकार हो रही हैं। शर्मा ने कहा, ‘सोशल मीडिया नया ख़तरा है, क्योंकि यह लव जिहाद को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से असमिया लड़कियाँ लव जिहाद का शिकार हो रही हैं। यह हमारे समाज पर एक सांस्कृतिक आक्रमण है और बाद में इन लड़कियों को तलाक़ का सामना करना पड़ सकता है।’

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