रूस की एलिना न ठीक से हिंदी समझती हैं और न ही अंग्रेजी, मगर संस्कृति और परंपराओं को निभाना बखूबी जानती हैं। छठ महापर्व की महत्ता भी जानती हैं, इसलिए सात समंदर पार से एलिना अपने पति के साथ राजधानी के कंकड़बाग स्थित ससुराल पहुंची हैं। वह दूसरी बार 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर महापर्व छठ पूजा करेंगी। कहती हैं, परंपरा निर्वहन करने में उन्हें काफी आनंद आता है।
एलिना कहती हैं, पहले छठ पर्व में सास की मदद के लिए आती थीं। पिछले साल सास बीमार हो गई तो उन्होंने खुद परंपरा निर्वहन करने का बीड़ा उठाया। इस बार भी छठ करने समय से ससुराल पहुंच गई हैं। घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर सफाई का काम पूरा हो चुका है। गेहूं को धोने-सुखाने के साथ गुड़ व चावल की सफाई हो गई है। बुधवार को नहाय-खाय और अगले दिन खरना करेंगी। वह कहती हैं, जन्म से अभी तक कोई व्रत नहीं रखा। इसके बावजूद दो दिन तक निर्जला व्रत करने में कोई परेशानी नहीं होती है। व्रत के बाद वह स्वस्थ महसूस करती हैं।
एलिना कहती हैं, उनके माता-पिता या फिर परिवार के अन्य सदस्य इस पर्व के बारे में कुछ भी नहीं जानते। इसके बाद भी उन्हें काफी खुशी है कि वे अपने घर की परंपरा को नहीं छूटने दे रहीं।
छह वर्ष पहले हुई थी शादी
एलिना के पति अनिल बताते हैं, वह फिनलैंड के बॉर्डर स्थित फोडोपोका शहर में रियल स्टेट का व्यवसाय करते हैं। वहीं उनकी मुलाकात एलिना से हुई। छह साल पहले उन्होंने शादी की थी। तब से एलिना हर साल छठ पर्व पर पटना आती हैं।
सिर्फ समझती है रशियन भाषा
अनिल बताते हैं, एलिना हिदी या अंग्रेजी भाषा नहीं समझती हैं। वे सिर्फ रशियन बोलती है। सास को विधि विधान करते देख सब जान गई हैं। मेरी मां कुछ बोलती है तो मैं उसे रशियन भाषा में अनुवाद कर बता देता हूं। वह घर की परंपरा बखूबी निभा रही है।
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