मधुबनी , बेनीपट्टी प्रखंड में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है, इस साल के बाढ़ में भी लोगों का जीवन बर्बाद हो गया है बाढ़ के कारण अब तक डूबने से चार, जबकि सर्पदंश से तीन लोग जान गवा चुके है , इतना ही नहीं, पूरे प्रखंड क्षेत्र में करीब 18 जगहों पर सड़क टूटकर ध्वस्त हो गई है। हालांकि, अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे नीचे उतरने लगा है, लेकिन लोगों की परेशानी अभी भी बरकरार है। जलप्रलय के सामने लोग बेबश व लाचार हो चुके है लगभग आधा दर्जन गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिरकर टापू बना है लोग हर साल तबाही व बर्बादी का दंश झेलते आ रहे है
इन जगहों पर सड़के टूटी है
अंधरी-परसौनी पथ अंधरी गांव में दो जगहों पर, बलिया-खसियाघाट पथ में दो जगहों पर, समदा-सोहरौल पथ में तीन जगहों पर, सोहरौल-त्रिमुहान पथ में दो जगहों पर, लडूगामा-छूलकाढ़ा पथ में भगवतीपुर में एक स्थान पर, बगवासा-लडूगामा पथ में अगई में एक स्थान पर, माधोपुर-विशनपुर पथ में तीन जगहों पर, माधोपुर-फूलबरिया पथ में तीन जगहों पर और बेनीपट्टी-खिरहर पथ में देपुरा गांव में एक स्थान पर सड़क बाढ़ के पानी से टूटी है
बाढ़ से विस्थापित होकर पीड़ित परिवार सड़क, बांध व ईंट भठ्ठों पर शरण लिए हुए हैं। बीते 12 दिनों से बाढ़ का पानी जमे रहेने के कारण अब लोग सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द जैसी बीमारियों से जूझ रहे है , बाढ़ से घिरे करहारा, सोहरौल, बिर्दीपुर, नवगाछी, खसियाघाट, हथियरवा गांव की हालत सबसे खराब है। गंगुली पंचायत के अंधरी गांव के दो दर्जन परिवार विस्थापित होकर ईंट भठ्ठा पर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। माधोपुर गांव में दर्जनों महादलित परिवार बाढ़ से विस्थापित होकर सड़क के किनारे शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ से घिरे गांवों में डेढ़ दर्जन जगहों पर सड़क टूट जाने के कारण यातायात ठप पड़ चुकी है, करहारा, सोहरौल, हथियरवा, खसियाघाट, बिर्दीपुर गांव के लोग नाव के सहारे ही जीवन जीने को विवश हैं। हर साल की तरह इस बार भी सरकार व प्रशासन की बाढ़ पूर्व तैयारियों की धरातल पर हवा निकल गई। बाढ़ पीड़ितों को सरकारी स्तर से अब तक राहत व सहायता की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रखंड के वाणगंगा से बररी, समदा से सोहरौल, बेतौना से सोहरौल, बलिया से खसियाघाट, अंधरी से परसौनी, सोइली से गुलरियाटोल करहारा सड़क पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन ठप है।