प्रत्येक महीने की पहली तारीख जी हां…इस दिन रसोई गैस के दामों की समीक्षा की जाती है. यही वजह है कि एलपीजी गैस उपभोक्ता (LPG Consumer) को एक तारीख का इंतजार बेसब्री से रहता है. इस बार भी उम्मीद है कि घरेलू रसोई गैस के दामों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा. इस बीच, एलपीजी सब्सिडी (LPG Subsidy) की चर्चा लोग कर रहे हैं. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रसोई गैस के दाम इतने कम हो चुके हैं कि सरकार को सब्सिडी देने की आवश्यकता नहीं हो रही है. मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में ग्राहकों के खाते में नाम मात्र की सब्सिडी पहुंची जिससे वे चिंतित हो गये.
एजपीजी सब्सिडी क्यों आ रही है कम : लोगों की एजपीजी सब्सिडी बहुत ही कम आ रही है जिससे वे परेशान है. इसका कारण यह है कि घरेलू गैस के दाम इतने कम हो गए हैं कि बीते कुछ महीनों से ग्राहकों के खातों में गैस सब्सिडी ना के बराबर आ रही है. गौर हो कि सरकार द्वारा सब्सिडी में लगातार की गई कटौती से इस साल मई से ही सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत करीब-करीब बराबर हो चुकी है जबकि सरकार सब्सिडी के रूप में सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में अंतर को ग्राहक के खाते में डालती है.
ग्राहकों को नियम की जानकारी नहीं : वर्तमान में सरकार एक साल में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी देने का काम करती है. यदि ग्राहकों को इससे ज्यादा सिलिंडर की जरूरत होती है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदना पडता है. कई ग्राहकों को नियम की जानकारी नहीं होती है और वे सब्सिडी को लेकर असमंजस में रहते हैं. ऐसे ग्राहकों को शिकायत रहती है कि उनके खाते में सब्सिडी की राशि जमा नहीं हुई है. यदि आपको भी इसकी जानकारी नहीं है, तो आप घर बैठे ही यह पता कर सकते हैं कि आपके खाते में सब्सिडी की राशि जमा हुई है या नहीं…
बता दें कि सरकार प्रत्येक कनेक्शन पर हर वर्ष अधिकतम 12 रसोई गैस सिलेंडर(14.2 किलो गैस वाले) सब्सिडी वाली दर पर देती है. यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में दी जाती है. उपभोक्ता डीलर से बाजार मूल्य पर एलपीजी खरीदते हैं और बाद में सब्सिडी उनके खाते में आती है.
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