बिहार के हाजीपुर में गुलनाज को जिंदा जलाने के मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है. एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी चंदन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही बाकी दो आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. इस बीच लापरवाही बरतने के आरोप में एक एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, वैशाली में छेड़खानी का विरोध करने पर 20 साल की एक युवती को गांव के दबंगो ने जिन्दा जला दिया. 30 अक्टूबर की रात देसरी थाने के रसूलपुर हबीब की गुलनाज खातून को गांव के ही कुछ लड़को ने छेड़खानी को लेकर विवाद के बाद केरोसिन डाल जिन्दा जला दिया. 15 दिन बाद लड़की की मौत हो गई.
गुलनाज खातून का शव जैसे ही उसके गांव पहुंचा, उसके बाद लोग प्रदर्शन करने लगे. काफी मान-मनौव्वल के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार किया. इस पूरे मामले में परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि पुलिस ने इस खौफनाक मामले में लापरवाही को लेकर सफाई दी और कहा कि मामले की जांच स्पेशल टीम कर रही है.
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वैशाली के एसपी मनीष ने बताया कि घटना 30 तारीख की है. 2 नवंबर को एफआईआर दर्ज कर लिया गया. इस मामले में तीन लोग नामजद हैं, जिसमें से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. लड़की की PMCH में इलाज के दौरान मौत हो गई है. स्पेशल टीम बनाई गई है. साथ ही तकनीकी अनुसंधान भी जारी है.
वहीं, मृतका गुलनाज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी उन्हें धमका रहे हैं. साथ ही पुलिस पर इस मामले में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लग रहा है , जिसके बाद स्थानीय चांदपुरा थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है.
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