मुख्य खबर: अब सरकारी स्कूलों में महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सहेली कक्ष की शुरुआत हो रही है।
महिने में 3-4 दिन कक्ष नहीं, बढ़ेगा छात्राओं का आत्मविश्वास
छात्राओं के बीच महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने का कदम
बिहार सरकार ने शिक्षा में महिला स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए सहेली कक्ष की स्थापना का निर्णय लिया है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्राओं को माहवारी से जुड़ी समस्याओं के सामना करने के लिए एक सुरक्षित और सुखद वातावरण प्रदान करना है।
सहेली कक्ष के महत्व:
1. छात्राओं को माहवारी से आराम: सहेली कक्ष की एक महत्वपूर्ण उपयोगिता यह है कि यह छात्राओं को माहवारी के दौरान आराम करने का अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से छात्राएं चाहे तो कक्षा में बुलाई जा सकती हैं और वहां अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं।
2. स्वास्थ्य और जागरूकता: सहेली कक्ष एक स्थान होगा जहां स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर छात्राओं को शिक्षित किया जाएगा। इसके माध्यम से महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने का कार्य होगा, जिससे समाज में ऐसी मिथकों की छवि को दूर किया जा सकता है जो इसे ताक पर रखते हैं।
3. बच्चियों की शिक्षा में उत्साह बढ़ाना: इस पहल के माध्यम से बच्चियों को अपने शरीर की देखभाल के महत्व का आदान-प्रदान सीखाया जा सकता है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और उन्हें आत्मनिर्भरता की भावना होगी।
सहेली कक्ष का संरचना: इसके संरचना में एक बिस्तर और कुर्सी के अलावा आपातकालीन यूनिफार्म, सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, और अलग से सैनिटरी पैड का रिजर्व स्टाक होगा। इसमें सहेली कक्ष की नोडल शिक्षिका हर सप्ताह बच्चियों के साथ चर्चा करेंगी और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर बातचीत करेंगी।इसके अलावा, इस सुविधा से जुड़े पैड बैंक का भी निर्माण होगा, जिसमें बालिकाएं स्वयं पैड का लेखा-संधारण करेंगी और नोडल शिक्षिका की देख-रेख में इसकी प्रबंधन की जमहिने में तीन-चार दिन स्कूल नहीं जाने की सुविधा प्रदान की है, बल्कि उन्हें महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्वपूर्ण विषयों में जागरूक करने का भी मौका प्रदान किया है।
इस सामाजिक उत्साहबद्ध पहल से सारण जिले के सभी मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों में महिला स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूकता होने की उम्मीद है।
सहेली कक्ष की सुविधाएं:
1. आरामदायक वातावरण: सहेली कक्ष छात्राओं को एक आरामदायक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगा, जहां वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और माहवारी के दौरान आराम कर सकें।
2. सशक्त बनाने का साधन: छात्राएं सहेली कक्ष के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का साधन प्राप्त करेंगी, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवनसृजन में वृद्धि होगी।
3. शिक्षा में बदलाव: सहेली कक्ष की स्थापना से शिक्षा में एक नया दृष्टिकोण आएगा और छात्राएं समझेंगीं कि स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार कैसे आ सकता है।
सहेली कक्ष की आगे की कदम: इस पहल के आगे की कदम बढ़ाते हुए, बिहार सरकार ने माहवारी और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। बच्चियों को उपयुक्त आहार और परहेज़ के बारे में समझाने के लिए विस्तृत जानकारीयां सहेली कक्ष की दीवारों पर लिखी जाएगी, जो उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करेगी।सहेली कक्ष के माध्यम से आपसी सहयोग से पैड बैंक का निर्माण होने से न केवल स्वच्छता के मामले में सुधार होगा, बल्कि यह बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाए रखने में भी सहारा प्रदान करेगा।
निष्कर्ष:
इस नई पहल के माध्यम से, बिहार सरकार ने जनसंख्या की सबसे बड़ी हिस्से को महिला स्वास्थ्य के मुद्दों पर शिक्षित करने और समाज में साकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प किया है। सहेली कक्ष की स्थापना न केवल छात्राओं को आरामदायक स्थान प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाए रखने के लिए भी मार्गदर्शन करेगी।