लालटेन की बुझेगी लो या खिलेगा कमल
सुपौल जिले के सभी पांच विधानसभा की रणभेरी बज चुकि है। तीसरे चरण यानी 7 नवंबर को जिले के सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे। बिहार के सत्ता संग्राम के दो अहम ध्रुव एनडीए व राजद द्वारा प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रत्याशियों के चयन से ही विकास के मुद्दे पर चुनाव होने की दोनों गठबंधनों का दावा जमीन पर टूट चुका है। पूरे बिहार की तरह ही कोसी के हालात भी समान ही हैं। वोट समीकरण को आधार बनाकर बिछायी जा रही हर विसात से विकास व समरस समाज के नारे का खोखलापन खुद झांकने लगा है। ऐसे में जिले का सबसे महत्वपूर्ण सीट माने जाने वाला पिपरा विधानसभा क्षेत्र जहां वर्तमान में राजद का कब्जा है उसे बचाना राजद के लिए चुनोती से कम नहीं।लोगों में इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि इस बार लालटेन की बुझेगी लो, या खिलेगा कमल। हालांकि अब तक दोनों गठबंधनों द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है...