बिहार के गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने मकंदपुर चौक स्थित एक होटल में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन और कंटेनमेंट जोन में लगी बैरिकेडिंग तोड़ने की मामले में सफाई दी। उन्होंने पत्रकार वर्ता किया। कहा कि-घर जाना जरुरी था, भूख लगी थी और शौच भी जाना था। क्या करता। खुद चारपहिया वाहन से उतरकर बैरिकेडिंग तोड़ दिया। किसी कार्यकर्ता से तुड़वाता तो उसपर कार्रवाई हो जाती। इसलिए उन्होंने खुद तोड़ा।
नवगछिया बाजार से विधायक को निकलने में इतनी परेशानी हुई तो आम लोगों को कितनी हुई होगी। हमने कोई गलत काम नहीं किया हैं। यह भी सूचना मिली थी। दो कोरोना संक्रमित रोगी नवगछिया बाजार से भागलपुर अस्पताल ऐम्बुलेंस से जा रहे थे। उन दोनों को आक्सीजन की जररूत थी। बैरिकेडिंग के वजह से उसको निकलने में परेशानी हुई। पुल पर भी जाम था। उसमें से एक की मौत पुल पर ही हो गई। सरकार का गाइड लाइन हैं कि कैसे कोरोना से बचा जाए। यहां तो कोरोना रोगी की मौत हो रही हैं।
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि हम लड़ाकू आदमी हैं। अपने से काम करते हैं। किसी कार्यकर्ता को कुछ होगा तो सीधे बंदूक रायफल लेकर उतरेंगे। बाजार के लोगों को काफी परेशानी हो रही हैं। उन लोगों ने हमको वोट देकर जिताया हैं। उसकी तो हम सुनेंगे ही। मैंने सुना था कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होगी। उन्होंने कहा कि वे केस मुकदमा से नहीं डरते हैं। उनका अधिकांश जीवन जेल में ही बीता हैं। राजद के समय वे सात वर्ष तक जेल में ही रहे थे। कहीं कोई घटना होती थी तो मेरा नाम डाल दिया जाता था। हत्या का आरोप भी मेरे उपर लगा। मेरा एक पांव जेल में ही रहता हैं। बैरेकेटिंग करने में काफी रुपये आता हैं। अधिकारी और अन्य लोग मिलकर रुपये का बंदरबांट करते हैं। ठीक से काम नहीं होता हैं।
विधायक ने कहा कि नवगछिया थाना का एक मुंसी हैं मुनचुन। नवगछिया बाजार उनके घर में दुकान है। वह दुकान खोल कर झाड़ू भी लगाते हैं तो उसका मोबाइल से फोटो खींच लिया जाता हैं। वह घूम-घूम कर कहता हैं केस होगा। उसे थाना बुलाते हैं। उससे थाना या रास्ते में ही रुपया लेकर छोड़ देते हैं। इस तरह की शिकायत कई लोगों ने किया हैं। बैरिकेटिंग से नवगछिया के लोग परेशान हैं।
बैरिकेडिंग तोडऩे के मामले पर विपक्ष ने उठाया सवाल
विधायक गोपाल मंडल बैरिकेटिंग तोड़ने के मामले पर राजद सवाल उठाया हैं। पूर्व सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन लगा दिया हैं। इस नियम का पालन जनता कर रही हैं। कोरोना चेन तोड़ने के लिए यह जरूरी भी हैं। लेकिन सत्ता पक्ष के लिए नियम केवल कागज पर ही अच्छा लगता हैं। विधायक ही नियम को तोड़ रहे हैं।
जिला प्रवक्ता सह मिडिया प्रभारी ने बताया कि विधायक को बैरेकेटिंग हटाते हुए साफ देखा जा रहा हैं। किंतु नवगछिया थानाध्यक्ष वीडीओ देखकर भी विधायक को नहीं पहचान पा रहे हैं। उन्हे डर हैं कि सत्ता पक्ष पर कार्रवाई कहीं महंगी ना पर जाए। विधायक को रोज कोई ना कोई वीडीयो वायरल होते रहता हैं। किंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उस पर कोई कार्रवाई नहीं करती। डबल इंजन की सरकार को ये डर हैं कि कहीं विधायक निलंबित होते ही विपक्ष में शामिल ना हो जाए। इस तरह की घटना कोई आम आदमी करता तो जेल भेज दिया जाता।