Friday, March 29
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गन्‍ना किसानों के उत्थान के लिए निरंतर करें कार्य, पश्‍च‍िम चंपारण के डीएम ने अफसरों को द‍िए कई न‍िर्देश

जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रीय विकास परिषद का मुख्य उदेश्य गन्ना विकास तथा गन्ना किसानों की बेहतरी है। गन्ना किसानों के कल्याण एवं उत्थान के लिए निरंतर कार्य करते रहें। साथ ही गन्ना विकास के लिए समुचित कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने कहा-उन्नत किस्म के गन्ना प्रभेद नर्सरी, प्रदर्शन, प्रत्यक्षण, परिवहन, आधुनिकीकरण, उन्नत किस्म के गन्ना बीज की आपूर्ति, कार्बनिक एवं अकार्बनिक खाद, पोषक तत्वों, कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति, पौधा संरक्षण के उपाय, विभिन्न कृषि यंत्रों, कृषि छिड़काव यंत्र, प्रशिक्षण, गन्ना उत्पादकता में वृद्धि के लिए सतत कार्य कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सिंचाई सुविधा, आवागमन एवं अन्य आधारभूत सुविधा भी गन्ना किसानों को मुहैया कराने की कारगर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि कुछेक गन्ना किसानों की शिकायत रहती है कि चीनी मिल प्रबंधन कुछ विशेष वैरायटी के गन्ना प्रभेदों की ही डिमांड करते हैं। चीनी मिल प्रबंधन यह प्रयास करें कि गन्ना किसानों के द्वारा उत्पादित सभी तरह के प्रभेदों का क्रय करें। साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना विकास विभाग द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं को भी हर हाल में ससमय मुहैया कराई जाए। इस पर हरिनगर एवं नरकटियागंज चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेदों में मुख्यतः तीन प्रभेद होते हैं, जिसमें अर्ली वैरायटी, मीडियम वेरायटी एवं निम्न वैरायटी है। गन्ना किसानों से सभी तरह के गन्ना वैरायटी का क्रय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वाटर लॉगिंग एवं लो लाइन वाले एरिया में गन्ना के कुछ प्रभेद नुकसान हो जाता हैं। गन्ना किसानों को वाटर लॉगिग एवं लो एरिया के मद्देनजर अच्छे प्रभेद के गन्ने का उत्पादन करने को जागरूक किया जाता है।

उन्होंने बताया कि 238 वैरायटी के जन्मदाता वैज्ञानिक, डॉ. बख्शी से भी इस संबंध में वार्ता की गयी है। इसी महीने में उनका जिले में आगमन हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि रेड रोड से गन्ना फसल को बचाने के लिए उनसे मिलना आवश्यक है, इस संबंध में कार्रवाई करें। बैठक में चीनी मिल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेद 238 एवं 0118 अच्छा प्रभेद है, जिसे जिले के ज्यादातर किसान लगा रहे हैं। आज यह वेरायटी जिले के 95 प्रतिशत भूमि पर है तथा 05 प्रतिशत भूमि पर निम्न वैरायटी है। हरिनगर चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि विगत पांच वर्ष पूर्व मात्र 60 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जाती थी लेकिन उन्नत प्रभेद आने के फलस्वरूप 01 करोड़ 75 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जा रही है।

जिलाधिकारी ने पूछा कि जिले के चीनी मिलों द्वारा कितनी मात्रा में बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर आदि का उत्पादन किया जाता है। इससे संबंधित रिपोर्ट भी उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि हमे ऐसा प्रयास करना है कि जिले में मांग के अनुरूप बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर का प्रोडक्शन इसी जिले में हो सके। इससे रोजगार को भी बल मिलेगा और जिला आत्मनिर्भर हो सकेगा।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कुमारबाग इन्डस्ट्रीयल एरिया में एक उद्यमी द्वारा सुगर मिल के उपयोग में आने वाले संयंत्रों को बनाया जा रहा है। गत दिनों सम्पन्न हुयी बैठक में उक्त उद्यमी द्वारा अपनी बात रखी गयी थी। उद्यमी द्वारा बताया गया कि अगर जिले के चीनी मिल उनके बनाये गये संयंत्र का क्रय करते हैं तो उनके उद्यम को बल मिलेगा। इस पर सभी चीनी मिल प्रबंधन द्वारा खुशी जाहिर की गयी और कहा गया कि उक्त उद्यम का मुआयना जल्द किया जायेगा मानक के अनुरूप संयंत्र होने पर क्रय भी किया जायेगा।

चीनी मिल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि कमांडिंग एरिया में फसलों पर ड्रोन के माध्यम से दवा एवं उर्वरक का छिड़काव कराया जा रहा है। इससे काफी मदद मिल रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह बहुत ही उन्नत टेक्नोलॉजी है, इसके प्रयोग से खेती-किसानी को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने से रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए ड्रोन संचालन के लिए इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षित कराया जाय।

जिलाधिकारी ने ईंख पदाधिकारियों को निदेश दिया कि क्षेत्रीय विकास परिषद अंतर्गत क्रियान्वित होने वाली योजनाओं की पुनः गहन जांच कर ली जाय। स्थलीय जांच करना अत्यंत ही आवश्यक है। इसके बाद संबंधित विभागों से एनओसी प्राप्त किया जाय और तब योजनाओं का क्रियान्वयन कराना सुनिश्चित किया जाय। बैठक में गन्ना किसान द्वारा मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन पर किसानों की हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया गया। कृषक द्वारा बताया गया कि चीनी मिल द्वारा प्रेस्टीसाइट्स किसानों को नहीं दी जाती है। ईंख पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि क्षेत्रीय विकास परिषद की राशि भी मझौलिया सुगर मिल द्वारा जमा नहीं करायी गयी है। इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन से शोकॉज करने तथा विगत तीन साल में कितना प्रेस्टीसाइट्स तैयार किया गया और और कितना वितरण किया गया है, की सूची उपलब्ध करायेंगे। गड़बड़ी होने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जायेगी।

इस अवसर पर ईंख पदाधिकारी वेदव्रत कुमार, श्रीराम सिंह, सहायक निदेशक, गन्ना विकास, कुंवर सिंह, हरिनगर चीनी मिल के जीएम, बी.एल. बाहेपी, नरकटियागंज चीनी मिल के जीएम, चन्द्रमोहन, बगहा चीनी मिल के केन मैनेजर, बी. एन. त्रिपाठी, मझौलिया चीनी मिल के सिनियर केन मैनेजर, सुधीर सिंह, लौरिया चीनी मिल के केन मैनेजर, जी.डी. सिंह सहित क्षेत्रीय विकास परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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