जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसे फैसला को नीतीश सरकार अपनी जीत बता रही है. वहीं, इस फैसला को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि यह तो बिहार सरकार की जीत है. आगे उन्होंने कहा कि इस फैसला के बाद केंद्र की मोदी सरकार की नींद टूटे और पूरे देश में केंद्र सरकार को जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. इस पर भारत सरकार को दोबारा सोचनी चाहिए.
आरक्षण के लिए भी यह जरूरी- तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता सिर्फ पब्लिसिटी के लिए यह याचिका दायर की है. लोगों के हित में नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जब तक सर्वे नहीं होगा फिर कैसे पता चलेगा कि किसको कितना आरक्षण देना है? इसके साथ ही कौन-कौन गरीब हैं?
‘चार से पांच महीने में कर लिया जाएगा पूरा’
डिप्टी सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का हमलोग स्वागत करते हैं. जाति आधारित जनगणना की मांग शुरू से ही आरजेडी कर रही थी. इससे संबंधित साइंटिफिक डेटा होना जरूरी है. यह सिर्फ जाति आधारित जनगणना नहीं है. इससे लोगों की आर्थिक स्थिति का पता चल सकेगा. बिहार में पहले चरण का काम हो चुका है. इससे बिहार में मकानों की संख्या का पता चला है. इसके बाद दूसरे चरण में पूरा कार्य कर लिया जाएगा. लगभग चार से पांच महीने में जाति आधारित जनगणना का पूरा कार्य कर लिया जाएगा.