5 साल की कड़ी मेहनत…12 से 14 घंटे की पढ़ाई, सिर्फ पर्व पर ही घर आना…यह कहानी है रौशन की, जिनका चयन कैग में ऑडिटर के पद पर हुआ है. स्टाफ सेलेक्शन कमीशन(SSC) ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया है. गया के आमस प्रखंड क्षेत्र के मंझौलिया गांव के रहने वाले रौशन कुमार मिश्रा ने इस परीक्षा में बाजी मारी है. रिजल्ट आने की सूचना पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है. आसपास के लोग रौशन के घर पहुंच कर मिठाई खिला रहे हैं और उसे बधाइयां दे रहे हैं.
रिजल्ट के माध्यम से कुल 7,108 को चयनित किया गया है. जो केंद्र सरकार के 45 अलग-अलग कार्यालयों में तैनात किए जाएंगे
कॉलेज के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की
मध्यम परिवार में जन्मे 25 वर्षीय रौशन ने माध्यमिक शिक्षा आमस हाई स्कूल से, इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. गया कॉलेज से पढ़ाई की. स्नातक की पढ़ाई शेरघाटी के एसएमएसजी कॉलेज से पूरी की. कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद गया जाकर सरकारी नौकरियों की तैयारी शुरू कर दी. 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद एसएससी सीजीएल परीक्षा में पास होकर अपने गांव का नाम रोशन किया है. रौशन के पिता मनोज मिश्रा पुजारी है जबकि माता गृहिणी है.
यूट्यूब से भी लीं क्लास
रौशन ने अपनी सफलता की कहानी मीडिया से शेयर की. रौशन ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है. पिछले 5 साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था. रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई करता था. घर सिर्फ त्यौहारों में जाना होता था. इस दौरान डिजिटल पढ़ाई पर पूरा फोकस किया. ऑनलाइन क्लास, ग्रुप डिस्कशन और यूट्यूब के माध्यम से विभिन्न क्लास अटेंड करता था. जिसका फ़ायदा सबके सामने है. उन्होंने बताया कि आगे चलकर आईएएस बनकर समाजसेवा करना चाहते हैं.
कैग ऑडिटर की पोस्ट पर चयन होने के बाद इनके घर में खुशी का माहौल है. इनके बड़े भाई शैलेश मिश्रा ने बताया कि शुरू से ही रोशन पढ़ने में अव्वल था. अब हम लोग बेहद खुश हैं.