Thursday, March 28
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दिल जीतने आया NSG कमांडो चाय वाला, लोगों को पिला रहा मसालेदार कड़क चाय

आपने पटना की सड़कों पर ग्रैजुएट चायवाली (Graduate Chaiwali) को देखा होगा. लेकिन क्या किसी एनएसजी कमांडो (NSG Commando) को चाय बेचते हुए देखा है. बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) में एक कमांडो सड़क पर ठेला लगा कर चाय बेच रहा है. हर महीने 75 हजार रुपये सैलरी पाने वाला एनएसजी कमांडो को चाय का ठेला लगाने की जरूरत क्यों पड़ी, लोग इस बात से हैरान हैं. बहरहाल, कमांडो चायवाला सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है.

शहर के कलेक्ट्रेट रोड पर ‘कमांडो चाय अड्डा’ को देख कर यहां से गुजरने वाले लोग अपने आप रूक जाते हैं. इस ‘कमांडो चाय अड्डा’ को चलाने वाले का नाम मोहित पांडेय है. मोहित मोतिहारी के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के सिंहासिनी गांव का रहने वाले हैं. वो कलेक्ट्रेट गेट के पास पिछले 10 दिन से चाय की दुकान चला रहे हैं. उनके यहां लोग मसालेदार कड़क चाय की चुस्की लेने के लिए पहुंच रहे हैं. मोहित ने कहा कि आज के दौर में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. पढ़े-लिखे लोग भले ही भूखे मरते हैं, लेकिन ठेला लगाने में शर्म और संकोच करते हैं. मैंने इस सोच को बदलने के लिए ठेला लगा कर चाय की दुकान खोली है.

Commando Chai Adda NSG commando Mohit Pandey selling tea in Gopalganj in  Bihar : मोतिहारी के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के रहने वाले वाले मोहित पांडेय  गोपालगंज में कलेक्ट्रेट गेट ...

एनएसजी कमांडो मोहित पांडेय ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में बीएसएफ में जॉइन किया था. बाद में डेपुटेशन पर एनएसजी कमांडो के रूप में ड्यूटी की. अभी 40 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर आये हुए हैं. मोहित का मानना है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. अगर किसी भी काम को मन लगा कर और लगन से किया जाये तो छोटी शुरुआत से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है. भविष्य की तैयारी करने से पहले वर्तमान में करनी पड़ती है.

मोहित के पिता जितेंद्र पांडेय भी बीएसएफ में थे. मोहित के मुताबिक 11 अगस्त, 1996 में ड्यूटी के दौरान उनका निधन हो गया था, तब वो दो साल के थे. मोहित ने बताया कि वर्ष 2014 में बीएसएफ में अनुकंपा पर उनकी नौकरी हुई थी.

‘कमांडो चाय अड्डा’ खुलने के 10 दिन में ही इतना फेमस हो गया कि यहां आम से लेकर खास लोग भी कड़क चाय पीने पहुंच रहे हैं. लोग कमांडो चाय वाले की सराहना कर रहे हैं और समाज के लिए इसे बड़ा संदेश मान रहे हैं.

गोपालगंज की सड़क पर लगा रहे ठेला, जानिए क्यों बेच रहे चाय... |  Compassionate job instead of father in BSF, giving message of importance of  every work to society - Money Bhaskar

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