Tuesday, March 26
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स्पेशल स्टोरी

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CIBIL Score क्या है और Loan मिलने में यह कितना उपयोगी है? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

CIBIL Score क्या है और Loan मिलने में यह कितना उपयोगी है? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

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लोन डील को सक्षम बनाने में सिबिल स्कोर एक अहम भूमिका निभाता है। सिबिल स्कोर जितना उच्च होता है, आपको लोन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है और शर्ते भी उतनी ही आसान हो जाती हैं। हालांकि, अगर आपने पहले कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड (credit card) नहीं लिया है, तो आपका क्रेडिट स्कोर शून्य हो सकता है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) 300 से 900 के बीच का एक नंबर होता है, जो वित्तीय संस्थानों के साथ आपके लेनदेनों पर आधारित होता है। ग्राहक को कोई भी क्रेडिट सुविधा प्रदान करने से पहले ऋणदाता खुद को संतुष्ट करना चाहता है कि उधारकर्ता लोन को नियत समय में चुका देगा। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो क्रेडिट स्कोर के माध्यम से ऋणदाताओं की इस समस्या का समाधान करता है। जिस ग्राहक का क्रेडिट स्कोर 750 से अधिक होता है, उसे ऋण देने में ऋणदाता सहज होते हैं। क्या बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले व्यक्ति को भी मिल ...
10वीं पास करने के लिए 56 साल का संघर्ष, जानिए ये प्रेरणा देने वाली कहानी

10वीं पास करने के लिए 56 साल का संघर्ष, जानिए ये प्रेरणा देने वाली कहानी

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राजस्थान के रहने वाले 86 साल के एक व्यक्ति से मिलिए, जो पिछले 56 वर्षों से लगातार 10वीं कक्षा की परीक्षा दे रहा है और हर बार फेल हो रहा है. सर्टिफिकेट लेने से किया इनकार इस बार कोरोना की वजह से परीक्षाएं रद्द कर दी गईं और इस वजह से बाकी छात्रों के साथ इस बुज़ुर्ग छात्र को भी पास कर दिया गया, लेकिन इस बुज़ुर्ग ने 10वीं कक्षा का सर्टिफिकेट लेने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वो परीक्षा देने के बाद ही अपनी मेहनत से 10वीं पास करेगा. उसे खैरात में मिली मार्कशीट नहीं चाहिए. ये हमारे युवाओं को प्रेरणा देने वाली खबर है. शरीर में जान भले ही कम हो, लेकिन ये इंसान अपने अरमानों पर अडिग है. 50 साल से दे रहे दसवीं की परीक्षा शिवचरण यादव हैं 86 वर्ष के हैं और ये पिछले 50 सालों से 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं. हो सकता है, आपको ये सुनकर हैरानी हो, लेकिन शिवचरण के लिए ये एक शपथ की तरह ह...
लोगों से मांग कर पैसे जुटाए फिर ठेले से पिता को अस्पताल तक ले गया 10 साल का मासूम

लोगों से मांग कर पैसे जुटाए फिर ठेले से पिता को अस्पताल तक ले गया 10 साल का मासूम

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यह है आज का श्रवण कुमार… पिता के टूटे हुए पैर का सही से ऑपरेशन हो जाए, इसके लिए ठेला चालक के तीन बच्चों ने पटना की सड़कों पर भीख मांगी और 10 साल का बड़ा बेटा पिता को ठेले पर ही लादकर इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए। ठेला चालक दिनेश कुमार हड़ताली मोड़ के पास की झोपड़पट्‌टी का रहने वाला है। दिनेश के दो बेटे और एक बेटी है। दिनेश ने कहा कि लगभग 10 दिन पहले अनीसाबाद में नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी ने उसे धक्का मार दिया था। जब उसे होश आया तब वह अस्पताल में पड़ा था। डॉक्टरों ने पैर में कच्चा प्लास्टर कर छोड़ दिया है। उनका कहना है कि पैर में रॉड लगेगा और उसमें करीब 70 हजार रुपए का खर्च आएगा। पैसे के अभाव में दिनेश का इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उनके बच्चाें के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वे पिता के इलाज के लिए भीख मांगने लगे। निगम अफसर बोले-जिस गाड़ी ने धक्का मारा, उसका नंबर लाओद...
औराई की “आशा” ने बुनियादी शिक्षा के आभाव से लड़ दरोगा में हुई चयनित, हैं दो बच्चों की माँ

औराई की “आशा” ने बुनियादी शिक्षा के आभाव से लड़ दरोगा में हुई चयनित, हैं दो बच्चों की माँ

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कहते है कि महिला अगर अपने जिद और हौसले पर उतर जाए तो वो महिला शसक्तीकरण की खुद ही मिशाल बन जाती है। आइये आपको ले चलते है औराई के उस ग्रामीण क्षेत्र कोकिलवारा में जहाँ के लोग आज भी पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है जहां बुनियादी शिक्षा ही प्राप्त कर लेना,बहुत बड़ी बात होती है। लेकिन कहते है न कि इरादे गर मजबूत हो तो संसाधन भी आपके संकल्प के सामने कमजोर हो जाती है।इसी को चरितार्थ किया हैं इसी गांव की उच्च विद्यालय साही मीनापुर से मैट्रिक में टॉप रैंक लाने वाली आशा कुमारी ने। आशा कहती है कि मैट्रिक पास होने के 2 साल बाद ही उनकी शादी हो गई।मगर उनके मन मे अधिकारी बनने का सपना जो बचपन मे देखा था वो मन मे एक आग की तरह उबलता रहा और ससुराल में पारिवारिक उलझनों में व्यस्तता के बाद एवं आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी अपनी पढ़ाई का सफर जारी रखी।अधिकारी स्तर की तैयारी के दौरान उनकी पहली जॉब इंजी...
बिहार की बेटी ने BPSC पास कर रचा इतिहास, सरकारी नौकरी छोड़ चुनी खाकी

बिहार की बेटी ने BPSC पास कर रचा इतिहास, सरकारी नौकरी छोड़ चुनी खाकी

शिक्षा-रोजगार, स्पेशल स्टोरी
बिहार की एक बेटी रजिया सुल्तान ने इतिहास रच दिया है। 27 साल की रजिया ने न केवल 64वीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा पास की है बल्कि वे डीएसपी पद के लिए चुनी गई हैं। वे अपने समुदाय से डीएसपी बनने वाली पहली महिला हैं। रजिया उन 40 उम्मीदवारों में से एक हैं जिनका चयन बिहार पुलिस में डीएसपी के पद पर हुआ है। रजिया सुल्तान गोपालगंज जिले के हथुआ से ताल्लुक रखती हैं। वर्तमान में वह बिहार सरकार के बिजली विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर तैनात हैं। उन्होंने झारखंड के बोकारो से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है क्योंकि उनके पिता मोहम्मद अस्लम अंसारी बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर के पद पर पोस्टेड थे। 2016 में उनकी मौत हो गई। रजिया की मां अब भी बोकारो में रहती हैं। सात भाई-बहनों में रजिया सबसे छोटी हैं। उनकी सभी बहनों की शादी हो चुकी है जबकि भाई उत्तर प्रदेश के झांसी से एमबीए क...
अंडे बेचकर की पढ़ाई, BPSC की परीक्षा में हासिल हुई सफलता अब बनेंगे प्रखंड पदाधिकारी

अंडे बेचकर की पढ़ाई, BPSC की परीक्षा में हासिल हुई सफलता अब बनेंगे प्रखंड पदाधिकारी

स्पेशल स्टोरी
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 64वीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में परचम लहराने वाले बीरेंद्र की कहानी काफी प्रेरणादायक है. अंडे की छोटे से दुकान से ऑफिसर बनने तक का सफर किसी सपने से कम नहीं है. सूबे के औरंगाबाद जिले के कर्मा रोड स्थित छोटे से गुमटी में बैठकर अंडे बेचने वाले बीरेंद्र के लिए बीपीएससी क्रैक करना एक सपना था, जिसे उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से साकार किया. औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड के एक छोटे से गांव हाथीखाप के रहने वाले बीरेंद्र के पिता भिखारी राम पेशे से मोची थे और दूसरे के फटे जूते सिलकर वे अपने तीन बच्चों की परवरिश करते थे. लेकिन साल 2012 में पिता की मौत के बाद तीनों भाइयों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मां के साथ सभी ने गांव छोड़कर शहर का रुख किया. घर की जिम्मेवारी बड़े भाई जितेंद्र के कंधे पर आ गई. शहर आकर सबों ने कर्मा रोड के दलित बस्ती में किराए पर दु...
‘लाल’ बालू की ‘काली’ कमाई में बिहार के ‘बड़े-बड़े’ लोग शामिल, सोन नदी से क्यों उखड़े ‘बालू किंग’ के पांव? जानिए

‘लाल’ बालू की ‘काली’ कमाई में बिहार के ‘बड़े-बड़े’ लोग शामिल, सोन नदी से क्यों उखड़े ‘बालू किंग’ के पांव? जानिए

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'लाल' बालू की 'काली' कमाई का 'खेल' पूरे बिहार में चल रहा है। इस 'खेल' में 'बड़े-बड़े' लोग शामिल है, जिनके बारे में कोई कल्पना नहीं कर सकता। इस खेल को देखना है तो छपरा-आरा पुल, सारण के गंगा-घाघरा नदियों के तटीय इलाके और भागलपुर-बांका के अंधरी नदी के आसपास आ जाइए। पटना, छपरा, भोजपुर, रोहतास और औरंगाबाद जिले में बालू घाटों पर बालू उठाव के लिए 1 मई से सरकारी चालान कटना बंद है। पटनाबिहार में बालू को लेकर राजस्व चालान काटने वाली कंपनी ने सरकार के सामने हाथ खड़ा कर दिया है। ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड के सरेंडर कर देने के बाद राज्य सरकार को हर रोज करोड़ों रुपए राजस्व का चूना लग रहा है। इसका मतलब ये नहीं कि बालू की खनन और ब्रिकी बंद है। ये तो सिर्फ सरकारी चिट्ठी में है। अब स्थानीय थाने की पुलिस 'बालू राजा' बन गई है। बालू ट्रक को स्कॉट कर उसे अपने मुकाम तक पहुंचने की ठेका लेती, बस उसके लि...
सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़े, पद्म श्री हलधर नाग ने रच डाले काव्य-महाकाव्य, स्टूडेंट करते हैं इन पर पीएचडी

सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़े, पद्म श्री हलधर नाग ने रच डाले काव्य-महाकाव्य, स्टूडेंट करते हैं इन पर पीएचडी

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अगर आपसे पूछा जाए कि ज्ञान क्या होता है तोआप उसकी परिभाषा क्या देंगे? ज़ाहिर-सी बात है अधिकतर लोग किताबी शिक्षा को ही शिक्षा कहेंगे, पर किताबी शिक्षा से बहुत ऊपर है। ज्ञान व्यक्ति के भीतर निहित होता है, किताबें और स्कूल तो बस उसे प्रकट करने का एक ज़रिया मात्र होते हैं। किताबों के पन्नों से ऊंचा उठकर देखेंगे तो ज्ञान को एक अथाह सागर जैसा पाएंगे। आज हम आपको जिस व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं, वह भी अपने आप में सच्चे ज्ञान की एक परिभाषा हैं। उन्हें स्कूल की शिक्षा तो मिल नहीं सकी, लेकिन जब उन्होंने क़लम के द्वारा अपने भीतर छुपे ज्ञान को प्रकट किया, तो लोग उनकी प्रतिभा के कायल हो गए। वर्ष 2016 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए गए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान समारोह में पद्मश्री पुरस्कार देकर जब देश की उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया, तो व...
महज दस लाख से शुरू कर सकते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर का बिजेनस, सालों भर होती रहेगी मोटी कमाई

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देश में इन दिनों कोरोना महामारी लगातार अपना विकराल रूप लेती जा रही है। देश का राज्य कोई भी हो लेकिन हालात कमोवेश एक जैसे दिखाई पड़ते हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिल्ली समेत कई राज्यों ने इस समय लॉकडाउन तक घोषित कर दिया है। क्योंकि इस बार देखा जा रहा है कि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत हो रही है। लेकिन आज हम आपको अपनी इस ख़बर में ऑक्सीजन से जुड़े कारोबार के बारे में बताने जा रहे हैं। आप कैसे बेहद ही कम पैसों में ऑक्सीजन सिलेंडर का काम शुरू कर सकते हैं। भले ही आप ये सोचें कि क्या जब लोगों की मौत हो रही है तो उसी में कारोबार तलाशा जाना सही रहेगा? तो हम आपको बता दें कि ऐसे समय में लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाना मानवता का भी सबसे बड़ा धर्म होगा। आइए आपको ऑक्सीजन सिलेंडर के इस कारोबार के बारे में विस्तार से बताते हैं। How to Start Oxygen Cylinder Business in ...
हाथ में लट्ठ लेकर सड़क पर ड्यूटी करती दिखीं प्रेग्नेंट DSP, वायरल हुई Photo, तो IPS ने किया सलाम

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देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस का कहर टूट पड़ा है. स्थिति ये है कि लाखों की संख्या में नए कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. जिसकी वजह से देश कई राज्यों में दोबारा कर्फ्यू और लॉकडाउन लगा दिया गया है. फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर ढेरों दिल को पसीजने वाली और भयावह वीडियोज और तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इसी बीच एक महिला DSP की फोटो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है. जिसने लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है. रोना महामारी के बढ़ते मामलों का वजह से जगह-जगह सख्ती बढ़ा दी गई है और पुलिस प्रशासन भी काफी सख्ती दिखा रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग की रहने वाली दंतेवाड़ा में पदस्थ DSP शिल्पा साहू ने अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया है. जानकारी के मुताबिक, डीएसपी शिल्पा साहू प्रेग्नेंट (pregnant Deputy Superintendent o...