Friday, March 29
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Bihar News: बिहार के भूमिहीन लोगों के लिए अच्छी खबर, डीएम के प्रस्ताव पर सरकार देगी पैसे

पटना : भूमिहीनों को आवास के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया तेज होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिलाधिकारियों (डीएम) को कहा है कि वे भूमि की खरीद में खर्च होने वाली राशि की मांग से जुड़ी अधियाचना विभाग को भेज दें। सरकार धन देगी, ताकि भूमि की कमी के कारण आवास निर्माण बाधित न हो। मालूम हो कि राज्य सरकार भूमिहीनों के लिए अभियान बसेरा चला रही है। इसमें एक घर के निर्माण के लिए तीन डिसमिल भूमि देने का प्रविधान है। सरकारी भूमि (गैर मजरूआ मालिक, गैर मजरूआ आम, भू-हदबंदी से फाजिल एवं बंदोबस्ती से अर्जित) पर इन्हें बसाया जा रहा है, लेकिन हर जगह इस श्रेणी की भूमि नहीं है। जहां इस श्रेणी की भूमि नहीं है, वहां सरकार रैयतों से भूमि खरीद कर भूमिहीनों को दे रही है। हालांकि, अब भी बड़ी संख्या में भूमिहीन आवास से वंचित हैं। इन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आवासीय इकाई का आवंटन तो किया जाता है, लेकिन भूमि के अभाव में निर्माण नहीं हो पाता है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने जिलाधिकारियों को कहा है कि वे समीक्षा करें कि अभियान बसेरा के बावजूद कितने परिवारों के पास वास के लिए भूमि नहीं है। इन परिवारों की सूची बनाएं। इसे विभागीय पोर्टल पर दर्ज करें।

कम भुगतान, बड़ी बाधा

भूमिहीनों को रैयती भूमि खरीद कर देने में बड़ी बाधा धन को लेकर है। 2011 में शुरू हुई इस योजना में तीन डिसमिल रैयती भूमि की खरीद के लिए 20 हजार रुपये का आवंटन किया गया था। बाद के दिनों में यह राशि 60 हजार तय की गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस राशि से वास की भूमि की खरीद संभव नहीं है। नतीजा यह निकल रहा है कि जिन जिलों को पूर्व में आवंटन भी दिया गया, लेकिन जरूरत के मुताबिक भूमि की खरीद नहीं हो पाई।

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