भारतीय सेना ने कोविड-19 महामारी से मुकाबले में बिहार सरकार की मदद के लिए पूर्वोत्तर के दो अस्पतालों से कर्मियों और साजों-सामान को पटना भेजा है.
सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि ‘अस्पतालों के विभिन्न साजों-सामान को विमान से पटना लाया गया है.’ जानकारी के अनुसार ‘फील्ड हॉस्पिटल’ के चिकित्सा अधिकारियों और अन्य सहयोगी कर्मचारियों को पटना में शुरू हुए 500 बिस्तर वाले अस्पताल में तैनात किया जाएगा. अस्पताल में 100 आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) बिस्तरों की व्यवस्था होगी.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘अस्पताल में चिकित्साकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग कर्मचारियों के साथ चिकित्सा में सहयोग करने वाले प्रशिक्षित कर्मचारियों को अगले दो दिन में पहुंचाया जाएगा.’
गुरूवार की शाम वायु सेना के दो विमानों ने पटना में लैंडिग की. उसमें भारी तादाद में मेडिकल साजो सामान के साथ सेना के डॉक्टरों औऱ पारा मेडिकल स्टाफ की टीम सवार थी. एक दिन पहले बुधवार की रात भी एय़रफोर्स के दो विमानों ने पटना में लैंडिंग की थी. उसमें सेना के डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, पारा मेडिकल कर्मचारी के साथ साथ चिकित्सा से संबंधित साजोसामान थे. एय़रपोर्ट से सेना की टीम दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट में पहुंच चुकी है.
शुक्रवार से सेना संभाल लेगी कमान
सेना के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक ये सारी तैयारी पटना के बिहटा में ईएसआई के हॉस्पीटल में कोरोना के इलाज का सही प्रबंध करने का है. उम्मीद जतायी जा रही है कि शुक्रवार से सेना की टीम इस अस्पताल का कमान संभाल लेगी. जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सेना ने बिहटा स्थित अस्पताल को सही तरीके से चालू कराने के लिए हर तरीके की तैयारी की है.
बिहटा के ESI अस्पताल में न सिर्फ कोरोना के इलाज की व्यवस्था होगी बल्कि उससे जुडी हर सुविधा मिलेगी. सेना ने पैथोलॉजी से लेकर रेडियोलॉजिस्ट की टीम भेजी है. वहीं, अस्पताल में जंग खा रहे वेंटीलेटर को चालू करने के लिए वेंटीलेटर ऑपरेटर भी भेजे गये हैं. सेना ने पूरे विशेषज्ञों की टीम भेजी है जिसमें शिशु रोग, हृदय रोग, आंख, नाक और गला विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है. सेना इस अस्पताल के लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था संभालेगी.
सेना से लोगों को बड़ी उम्मीदें
बिहटा में बने ईएसआई के ब़ड़े अस्पताल को लेकर बिहार सरकार का हर दावा गलत साबित हुआ है. इस अस्पताल में 500 बेड लगे हैं. पीएम केयर्स से मिले 125 वेंटीलेटर पड़े हैं. लेकिन आज तक राज्य सरकार इसे सही से चालू नहीं करा पायी. वैसे खुद नीतीश कुमार इस अस्पताल को चालू कराने के दावे पिछले एक महीने से कर रहे हैं. यहां तक की पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगा कर इस अस्पताल को चालू करने को कहा लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ. इस अस्पताल में लैब, ऑक्सीजन प्लांट, ऑपरेशन थिएटर से लेकर तमाम उपकरण मौजूद हैं. उम्मीद है कि सेना के कमान संभालने से मरीजो को बडी राहत मिलेगी.
बता दें कि बिहार में बढते संक्रमण के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चार मई, मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में 5 से 15 मई तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया था.
कोरोना (Corona) की दूसरी लहर का असर बिहार में लगातार देखने को मिल रहा है. राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों के बीच भारतीय सेना ने पटना में अस्पतालों के लिए तमाम साजों-सामान पूर्वोत्तर से सैन्य विमानों के द्वारा पटना भेजा है.