Saturday, April 20
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अल्जाइमर याददाश्त कमजोर होने व भूलने की है बीमारी, विटामिन की कमी से हो सकती है दिक़्क़त, जानें इसके लक्षण

डेहरी आन सोन (रोहतास): बदलती जीवनशैली और खानपान की वजह से अल्जाइमर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मनोजचिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर व्यक्ति यह समझ ही नहीं पाता कि कब वह अल्जाइमर का मरीज हो गया अब तक इसके इलाज की कोई दवा नहीं है । उषा श्याम फाउंडेशन द्वारा अंतराष्ट्रीय अल्जाइमर दिवस पर एक होटल में  मनोचिकित्सक डॉ उदय सिन्हा की अध्यक्षता में  अल्जाइमर को ले जागरूकता अभियान आयोजित किया गया ।

मौक़े पर डॉ सिन्हा ने कहा कि इस बीमारी के शिकार को केयर की जरूरत है । उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए जागरुकता बेहद जरूरी है विश्व भर में 4 करोड़ 40 लाख लोग इस रोग से ग्रस्त हैं। जो इस एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनाते हैं ।किसी व्यक्ति में यह रोग होने का कोई निदान नही है।रोग ग्रस्त व्यक्ति के बल्कि उसके परिवार और दोस्तों के जीवन को भी बदल कर रख देगा। जरूरी है खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखें, नकारात्मक विचारों को अपने मन पर हावी ना होने दें। पसंद का संगीत सुने, गाना गाए, खाना खाए, बागवानी करें। नियमित जीवन शैली व सही पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें।

विटामिन की कमी से हो सकती है दिक़्क़त

मनोचिकित्सक डॉक्टर मालिनी सिन्हा ने कहा कि जैसे-जैसे हम उम्र दराज होते हैं। हमारे मस्तिष्क में भी बदलाव होते हैं और हमें कई बातों को याद करने में कभी-कभी समस्या जाती है। यदि आप या आपका कोई परिचित याददाश्त या अन्य लक्षणों की समस्याओं का अनुभव कर रहा हो तो चिकित्सक को दिखाएं। इन लक्षणों की कुछ वजह जैसे दवाओं के दुष्प्रभाव विटामिन की कमी हो सकती है। नारायण मेडिकल कालेज अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ पंडित ने अल्जाइमर के लक्षणों से अवगत कराया।

ये हैं लक्षण

रात में नींद ना आना, रखी हुई चीजों को जल्दी भूल जाना, आंखों की रोशनी कम होने लगना, छोटे-छोटे कामों को करने में परेशानी होना, अपने स्वजन को ना पहचान पाना। स्मृति  लोप और अल्जाइमर के  लक्षण है। याद करने में दिक्कत विशेष रुप से हाल ही की जानकारी को याद करने में समस्या अल्जाइमर रोग का पहला लक्षण है याददाश्त का कमजोर होना वह भूलना है। मनोचिकित्सक डॉ  अमनदीप कुमार ने कहा कि इस बीमारी के शिकार लोगों की सारी चीजों का जगह तय कर दें। 

वृद्धजन क्लब बनाने की चर्चा

नाश्ते और खाने का समय बिल्कुल निश्चित रखें, अमूमन यह 60 से 65 साल की उम्र में शुरू हो जाता है। बयोवृद्ध फिजीशियन डॉ आर डी सिंह ने बृद्धजन क्लब बनाने को कही ।ताकि उन्हें इस रोग के प्रभाव से बचाया जा सके। इस मौके पर डॉ उदय सिन्हा ने शहर के वयोवृद्ध चिकित्सक डॉ एस के बोस डॉ हरी भूषण समेत कई चिकित्सकों व महिला शिक्षा में योगदान को महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार सिंह  को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

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